उत्तानपादासन योग विधि, लाभ और सावधानी

उत्तानपादासन क्या है। Uttanpadasana in Hindi

सबसे पहले हम जानते हैं कि उत्तानपादासन का अर्थ क्या होता है। उत्तान का अर्थ है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव। इस आसन में पीठ के बल लेटकर पांव ऊपर उठाए जाते हैं, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। उत्तानपादासन योग एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। उत्तानपादासन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करने में अहम भूमिका निभाता है। यह आसन इतना पावरफुल है कि इसके नियमित अभ्यास करने से शरीर में एब्स (abs) बनने लगते हैं। इसको Raised Feet yoga भी कहा जाता है।Uttanpadasana in Hindi

 

उत्तानपादासन विधि। How to Uttanpadasana in Hindi

इस आसन के ज़्यदा से ज़्यदा फायदे उठाने के लिए इसे सही तरीके से करना जरूरी है। यहां पर इसके सरल विधि को बताया गया है।

तरीका

  • जमीन पर आराम से लेट जाएं और पांव फैला लें। पैरों की बीच दुरी नहीं होनी चाहिए।
  • हाथ शरीर के निकट रखे रहने दें।
  • सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं।
  • धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और इसी मुद्रा में रहें।
  • लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।
  • यह चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

 

उत्तानपादासन लाभ। Uttanpadasana benefits in Hindi

  1. पेट की चर्बी कम करने के लिए: अगर आप पेट की चर्बी से परेशान हैं तो आपको उत्तानपादासन करनी चाहिए। उत्तानपादासन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करने में अहम भूमिका निभाता है। यह आसन इतना पावरफुल है कि इसके नियमित अभ्यास करने से शरीर में एब्स (abs) बनने लगते हैं। यह मोटापा और तोंद का दुश्मन है।
  2. नाभि संतुलन में: इससे नाभि केंद्र (नाभिमणिपूरचक्र) संतुलित होता है। नाभि के इलाज एवं नाभि को ठीक करने के लिए यह एक बेहतरीन योगाभ्यास है। अगर नाभि अपने जगह से हट गई हो तो इसके लिए उत्तानपादासन सबसे बेहतरीन योग है।
  3. पेट की पेशियों के लिए: अगर आपको अपने पेट की पेशियों को मजबूत बनाना हो तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें। यह पेट की पेशियों को सबल ही नहीं बनाता बल्कि इसके निर्माण में भी सहायक करता है।
  4. पेट दर्द में लाभकारी: यह पेट दर्द, उदर वायु, अपच और अतिसार में लाभकारी होता है।
  5. घबराहट दूर करने में: इससे घबराहट दूर होती है।
  6. पैरों के लिए लाभकारी: इसके नियमित अभ्यास से आप अपने पैरों को मजबूत एवं सबल बना सकते हैं।
  7. घुटने के लिए फायदेमंद: यह आसन घुटने के लिए लाभकारी है।
  8. कमर मजबूत करने में: पहले पहले यह आपके कमर को परेशान कर सकता है लेकिन कुछ अभ्यास के बाद यह आपके कमर को मजबूत करते हुए कमर दर्द को कम करता है।
  9. पाचन के लिए: यह आपके पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है और भोजन को पचाने में मदद करता है।
  10. ऊर्जा बढ़ाने में: इसके नियमित अभ्यास से आप अपने शरीर की ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं।
  11. पेट गैस कम करने में: इसके अभ्यास से पेट गैस को कम किया जा सकता है और साथ ही साथ अपच से भी निजात मिल सकती है।
  12. कब्ज कम करने में: यह आसन कब्ज को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर सकता है।

 

उत्तानपादासन सावधानी। Uttanpadasana precautions in Hindi

  • कमर दर्द: जिनके कमर में दर्द हो उन्हें यह आसन नहीं करनी चाहिए।
  • पेट सर्जरी: पेट सर्जरी होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • साइटिका: साइटिका से पीड़ित होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था में इस आसन को बिल्कुल न करें।

 

अर्ध उत्तानपादासन। Ardha Uttanpadasana in Hindi

  • इसमें आप ऊपर बतायी हुई प्रक्रिया का अनुसरण करते हैं।
  • दोनों पैरों को न उठा कर आप सांस लेते हुए एक पैर को 30 डिग्री पर उठाते हैं, फिर सांस छोड़ते हुए इसको नीचे लेकर आते हैं ।
  • इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराते हैं।
  • इसे उनको करनी चाहिए जिनको कमर दर्द बहुत परेशान करता है।

 

 

 

 

10 thoughts on “उत्तानपादासन योग विधि, लाभ और सावधानी”

    • इसके लिए आप उत्तानपादासन, नौकासन, पश्चितमोत्तासना करें

      Reply
  1. मेरा 1997 मे हार्निया का आपरेशन हुआ था क्या मै उत्तानपादासन कर सकता हूं ?

    Reply
  2. मेरे ibs की समस्या है क्या मुझे सुप्त वज्रासन सुप्त बर्ध कोनासन और मत्स्यासन के बाद उत्तनापदासन कर सकते है क्या

    Reply

Leave a Comment