सूर्य भेदन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

सूर्य भेदन प्राणायाम क्या है। Surya Bhedana Pranayama in Hindi

सूर्य का अर्थ होता है सूरज और भेदना का अर्थ है छेदना या आर पार होना।
हठप्रदीपिका के अनुसार सूर्य भेदन प्राणायाम निम्नलिखित तौर पर बताया गया है।
दक्षनाड्या समाकृष्य बहिःस्यं पवनं शनैः।
आकेशादानखाग्राच्च निरोधावधिकुम्भयेत्।
ततः शनैः सख्यनाड्या रेचयेत्पवनं शनैः।। – ह. प्र. 2/48-49

सूर्य भेदना प्राणायाम में श्वास लेने प्रक्रिया दाहिनी नासिका और श्वास छोड़ना की प्रक्रिया बायीं नासिका से होती है। श्वास लेने की सभी प्रक्रियाओं में प्राण ऊर्जा पिंगला या सूर्यनाड़ी के माध्यम से जाती है। इडा या चंद्रनाड़ी के माध्यम से श्वास छोड़ा जाता है। यहां श्वास का प्रवाह नियंत्रित होता है और फेफड़े ज्यादा ऊर्जा शोषित करते हैं।Surya Bhedana Pranayama in Hindi

 

सूर्य भेदन प्राणायाम विधि। Surya bhedana pranayama steps in Hindi

  • सबसे पहले आप पद्मासन में बैठें।
  • आंखें बंद रखें।
  • अनामिका (ring finger) और छोटी उंगली से बायीं नासिका को बंद करें।
  • अब बिना कोई आवाज किए दाहिनी नासिका से धीर-धीरे सांस लें।
  • अधिक से अधिक सांस अपने फफड़े में भरें।
  • अब दाहिनी नासिका को दायें अंगूठे से बंद करें और ठोड़ी (chin) को सीने (जालंधरबंध) की ओर मजबूती से दबाते हुए श्वास रोके रखें।
  • यह कुम्भक है और कुंभक की अवधि को धीरे धीरे बढ़ाएं।
  • फिर अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बायीं नासिका से बिना कोई आवाज किए धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।
  • सांस लेना , सांस छोड़ना और कुम्भक का जो अनुपात है वह 1:2 : 4 होनी चाहिए।
  • ये सूर्यभेदना प्राणायाम का एक चक्र है।
  • इस तरह से आप 5 से 10 चक्र करें।

 

सूर्य भेदन प्राणायाम लाभ। Surya bhedana pranayama benefits in Hindi

  1. बुढ़ापे को टालता है: इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आप अपने एजिंग प्रोसेस को कम करते हुए बुढ़ापे को टाल सकते हैं।
  2. मृत्यु को रोकना: शास्त्रों में लिखा गया है कि इस प्राणायाम का नियमित अभ्यास से आप अपने मृत्यु में देरी या रोक सकते हैं।
  3. पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए: सूर्य भेदन प्राणायाम पेट के कीड़ों को नष्ट कर देता है।
  4. वात या गठिया: वायु से होने वाले विकार दूर कर वात या गठिया को ठीक करता है।
  5. सिर दर्द: अगर आप सिर दर्द से परेशान हैं तो इस प्राणायाम अभ्यास करनी चाहिए।
  6. कुंडलिनी शक्ति जागरण में: यह कुंडलिनी शक्ति को जागृत करता है और शारीरिक ताप को बढ़ाता है।
  7. निम्न रक्तचाप : यह शरीर की संवेदना तंत्रिका प्रणाली को सक्रिय करता है इसलिए यह निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है।
  8. सांस की समस्या: इस आसन के अभ्यास से सांस से सम्बंधित ज़्यदातर समस्यायों का हल पाया जा सकता हैं।

 

सूर्य भेदन प्राणायाम सावधानी। Surya bhedana pranayama precautions in Hindi

उच्च रक्तचाप से पीड़ित से व्यक्ति को ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
यह प्राणायाम उनको नहीं करनी चाहिए जिनको बहुत गुस्सा आता है।

 

1 thought on “सूर्य भेदन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी”

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