नाड़ीसोधन प्राणायाम क्या है – Nadi Shodhana Pranayama Hindi
नाड़ीसोधन प्राणायाम को अनुलोम-विलोम के रुप में भी जाना जाता है। नाड़ीसोधन प्राणायाम या अनुलोम-विलोम को अमृत कहा गया है और स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम प्राणायामों से एक है। कहा जाता है की शायद ही कोई ऐसी बीमारी हो जिसको अनुलोम विलोम से फायदा न पहुँचता हो।
शास्त्रों में नाड़ीशोधन प्राणायाम – Nadi Shodhana Pranayama in texts
हठयौगिक शास्त्रों में कहा गया है कि साधक को हमेशा बारी-बारी से एक-दूसरे नासिका छिद्र से श्वास लेना और छोड़ना चाहिए। जब श्वास लेना पूरा हो जाए तो दाहिनी नासिका को अंगूठे और बाईं नासिका को अनामिका और छोटी उंगली से दोनों नासिकाओं को बंद कर दें। अब अपने हिसाब से कुंभक करें। और उसके बाद श्वास बाहर छोड़ा जाता है (घेरंडसंहिता 5/53)।