अश्व संचालनासन योग विधि, लाभ और सावधानी

अश्व संचालनासन क्या है-What is Ashwa Sanchalanasana in Hindi?

अश्व संचालनासन एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है सूर्य नमस्कार मॉड्यूल में। अश्व संचालनासन संस्कृत शब्द है जिसमें अश्व का अर्थ है घोड़ा, संचालन का अर्थ है कदम, घुड़सवारी या हिलना और आसन का अर्थ है योगाभ्यास। अंग्रेजी में इसे Low Lunge or Horse Riding Pose or Equestrian Pose भी कहा जाता है। इसका सही उच्चारण AH-sh-wah sahn-chal-AHS-uh-nuh से किया जा सकता है। यहाँ पर हम इस आसन के विधि, लाभ और सावधानी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

अश्व संचालनासन योग विधि, लाभ और सावधानी
Ashwa Sanchalanasana

अश्व संचालनासन के लाभ-Ashwa Sanchalanasana benefits in Hindi

यहाँ पर हम अश्व संचालनासन कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताएँगे।

  1. यह हिप्स के लिए बहुत फायदेमंद योगाभ्यास है क्योंकि इसकी फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है। यही नहीं, इसके सही तरके से करने पर पुरे शरीर की स्टिफनेस को कम करता है और बॉडी को लचीलापन बनाता है।
  2. यह पैरों की दर्द को कम करने में अहम रोल अदा करता है।
  3. इस योगाभ्यास से आपके घुटने को मजबूती मिलती है।
  4. इसका सही तरीके से अभ्यास करने पर कमर की दर्द से निजात मिल सकता है।
  5. अश्व संचालनासन नियमित रूप से करने पर वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए जो लोग मोटापे से परेशान हैं उसे इस आसन को करते समय मेन्टेन करना चाहिए।
  6. इसका नियमित अभ्यास पेट, लिवर, किडनी के लिए लाभदायक है।
  7. जो लोग स्पोर्ट्स में जाना चाहते हैं उनको इस योग को अच्छी तरह से सीख कर अपने रूटीन में शामिल करनी चाहिए।
  8. यह योग उनके लिए बहुत मुफीद है जिनको सांस या अस्थमा की शिकायत है।
  9. यह लोअर बॉडी को मजबूत करता है और साथ ही साथ शरीर के ऊपरी हिस्सा के लिए पिलर का काम करता है।

अश्व संचालनासन की विधि-Ashwa Sanchalanasana steps in Hindi

  • ताड़ासन में खड़े हो जाएं।
  • सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और पादहस्तासन में आने की कोशिश करें।
  • हाथों की हथेलियों को पैरों के पास फर्श पर सटा कर रखें।
  • अपने हिसाब से जहाँ तक हो सके दाहिने पैर को पीछे की ओर खींचे।
  • इसी समय, बाएं पैर को फर्श पर उसी स्थिति में रखते हुए, बाएं घुटने को मोड़ें।
  • बाहों को सीधा रखें।
  • ध्यान रहे अंतिम स्थिति में शरीर का भार हाथों, बाएँ पैर, दाएँ घुटने और दाहिने पैर के पंजों पर टिका होना चाहिए।
  • सिर को पीछे की ओर झुकाएं
  • जांघ से छाती तक आपके भौं केंद्र पर खिंचाव रखें।

अश्व संचालनासन की सावधानी-Ashwa Sanchalanasana precautions in Hindi

  • यदि आपकी पीठ में अधिक दर्द हो तो इस आसन के प्रैक्टिस से बचें।
  • अश्व संचालनासन का अभ्यास करने से कूल्हों और घुटनों में दबाव पड़ता है जिसके कारण इसमें तनाव या चोट लग सकती है।
  • गर्दन में चोट होने पर इस आसन के अभ्यास से बचें
  • सिरदर्द होने पर इस योग की अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • पैरों की अंगुली में चोट होने पर इसे न करें।

मॉडिफिकेशन्स और वैरिएशन-Modifications and variations in Hindi

  • अगर इस आसन को करने में परेशानी हो रही हो तो अपने सामने एक कुर्सी रखें और समर्थन के लिए अपने हाथों को कुर्सी पर रखें।
  • अगर आप योग ब्लॉक को अपने हाथों में रखते हैं तो यह धड़ को ऊपर उठाने में मदद करता है।
  • अपने पिछले पैर को दीवार में दबाकर अभ्यास कर सकते हैं।
  • यदि आपके घुटने को जमीन पर रखने से दर्द होता है, तो इसे बचाने के लिए अपने घुटने के नीचे एक योग कंबल रखें।

अश्व संचालनासन से पहले करने वाले योग- Yoga one should do before and after Ashwa Sanchalanasana in Hindi

  • वज्रासन
  • डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज
  • उत्तानासन
  • उत्कटासन
  • विरसाना
  • सुप्ता विरसाना
  • अष्ट चंद्रासन
  • बनारसाना
  • त्रिकोणासन
  • वीरभद्रासन 2

अश्व संचालनासन के बाद करने वाले योग

  • वीरभद्रासन 1
  • अष्ट चंद्रासन
  • गरुड़ासन
  • अधो मुख संवासन

 

 

Leave a Comment