अश्वगंधा क्या है- What is Ashwagandha in Hindi?
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। अश्वगंधा आयुर्वेदिक दवा होने के कारण इसका प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। इसका इस्तेमाल आप मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए कर सकते हैं। जहाँ अश्वगंधा के अनगिनत फायदें हैं वहीं अत्यधिक मात्रा में इसके सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है। आज हम यहां इसके फायदे, नुकसान, गुण और उपयोग के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगें।
अश्वगंधा की पहचान कैसे करें-How to recognise Ashwagandha in Hindi?
अश्वगंधा के पौधों को मसलने पर अगर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है तो इसका मतलब हुआ कि यह असली अश्वगंधा है। लेकिन यह गंध ताजी जड़ में जायदा होती है।
अश्वगंधा के अनेक नाम-Different names of Ashwagandha in Hindi
- असगंध ( आम बोलचाल में)
- Withania somnifera वानस्पतिक नाम (Botanical name)
- असगन्ध, अश्वगन्धा, पुनीर, नागोरी असगन्ध (हिंदी)
- Winter cherry (इंग्लिश)
- वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी (संस्कृत)
- असुंध (ओड़िआ)
- असगंधनागोरी (उर्दू)
- अमनगुरा ( कन्नड़)
- आसन्ध (गुजराती)
- चुवदिग (तमिल)
- पैन्नेरुगड्डु (तेलगु)
- अश्वगन्धा (बंगाली)
- अश्वगन्धा (नेपाली)
- असगंद (पंजाबी)
- अमुक्कुरम (मलयालम)
- असकन्धा (मराठी)
- तुख्मे हयात (अरेबिक)
अश्वगंधा के फायदे -Benefits of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा के फायदे अनगिनत हैं और आश्चर्यजनक लाभकारी होने के कारण यह दुनियाभर में अपने औषधीय के रूप में जाना जाता है।
- सफेद बाल की समस्या: अगर आपको सफेद बालों से छुटकारा पाना है तो 2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करें। यह समय से पहले बालों के सफेद होने की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।
- आंखों की रौशनी बढ़ाने के लिए: एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण (2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी) को सबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है। गले के रोग: अश्वगंधा के पत्ते का पेस्ट (अश्वगंधा पाउडर और गुड़ को बराबार मात्रा में मिलाकर सुबह पानी के साथ सेवन करें। यह गले के रोग में लाभकारी शाबित होता है।
- टीबी रोग में: टीबी रोग में अश्वगंधा चूर्ण (2 ग्राम), 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, 5 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिला लें। इसे टीबी के उपचार रुप में लिया जा सकता है।
- खांसी का इलाज: इसके लिए असगंधा की 10 ग्राम जड़ों को कूट लें। इसके बाद इसमें 10 ग्राम मिश्री और 400 मिलीग्राम पानी में पकाएं। इसे खूब पकाएं और फिर थोड़ा-थोड़ा पिएं।
- छाती के दर्द में: अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण (2 ग्राम) जल के साथ सेवन करने से सीने के दर्द में लाभ मिलता है।
- पेट की बीमारी में: पेट की बीमारी को ठीक करने के लिए अश्वगंधा चूर्ण और बहेड़ा चूर्ण बराबर मात्रा में मिला लें। अब इसको 2-4 ग्राम गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म करने में मदद मिलती है।
- कब्ज की समस्या का इलाज: अश्वगंधा पाउडर (2 ग्राम) को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से कब्ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
- गर्भधारण करने में लाभ: अश्वगंधा चूर्ण (20 ग्राम), पानी (एक लीटर) और गाय के दूध (250 मिलीग्राम) को कम आंच पर पकाएं। जब इसमें केवल दूध बच जाएं तो इसमें मिश्री (6 ग्राम) और गाय का घी ( 6 ग्राम) मिला लें। इसका सेवन करने से यह गर्भधारण में मदद मिलती है।
- ल्यूकोरिया के इलाज में: असगंधा चूर्ण (2 ग्राम ) में मिश्री मिला लें और इसको गाय के दूध के साथ सुबह और शाम सेवन करें।
- गठिया के इलाज के लिए: अश्वगंधा पाउडर (2 ग्राम ) को सुबह और शाम गर्म दूध या पानी के साथ खाने से गठिया में लाभ मिलता है।
अश्वगंधा का इस्तेमाल-Use of Ashwagandha in Hindi
- अश्वगंधा पाउडर में गुड़ मिला लें और इसको दूध के साथ सेवन करने से चोट से होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
- अश्वगंधा चूर्ण (10 ग्राम), तिल व घी (10 ग्राम) लें और अब इसमें शहद मिलाकर रोजाना 1-2 ग्राम सेवन करने से शरीर मजबूत बनता है।
- असगंधा चूर्ण (एक ग्राम) और मिश्री (125 मिग्रा) डालकर, गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से वीर्य मजबूत होता है।
- बराबर मात्रा में अश्वगंधा पाउडर और चिरायता का चूर्ण मिला कर सेवन करने से खून में होने वाली समस्याएं ठीक होती हैं।
- अश्वगंधा चूर्ण (2 ग्राम) तथा गिलोय जूस (1 ग्राम) को मिलाएं और इसे हर दिन शाम को गुनगुने पानी के साथ खाने से बुखार ठीक होता है।
अश्वगंधा के हिस्से इस्तेमाल करने के लिए
- पत्ते
- जड़
- फल
- बीज
अश्वगंधा के औषधीय गुण-Medicinal properties of Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा निम्नलिखित गुण से भरपूर है।
- एंटीऑक्सीडेंट
- एंटीइंफ्लेमेटरी
- एंटी स्ट्रेस
- एंटीबैक्टीरियल एजेंट
- इम्यून सिस्टम को बेहतर करना
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है।
- पुरुषों में यौन व प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाता है
- तनाव को कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें-How to use Ashwagandha in Hindi
अश्वगंधा के सही फायदा और साथ ही साथ इसके नुकसान से बचने के लिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार इसकी सेवन करना चाहिए-
अश्वगंधा से नुकसान- Side effects of Ashwagandha in Hindi
- गर्म प्रकृति वाले व्यक्ति को अश्वगंधा का प्रयोग नहीं करनी चाहिए।
- अश्वगंधा के साइड इफेक्ट्स को गोंद, कतीरा एवं घी के सेवन से ठीक किया जा सकता है।
- अश्वगंधा की ज्यादा मात्रा में लेने से पेट संबंधित परेशानी और दस्त हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन नहीं करनी चाहिए।
- अश्वगंधा का सेवन करते समय शराब और अन्य मादक चीजों से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह आपके नर्वस सिस्टम को ख़राब कर सकता है।
- लंबे समय तक इसका सेवन हानिकारक हो सकता है।
अश्वगंधा कहां उगाया जाता है- Where is Ashwagandha found ?
सूखे प्रदेशों में अश्वगंधा का पौधा अक्सर उगाए जाते हैं। इसकी एक अच्छी बात यह है कि यह अपने आप उगते हैं। इसकी खेती भी की जाती है। अश्वगंघा के पौधे मैदान से लेकर 2000-2500 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है।