अस्थमा (दमा) रोगियों के लिए वरदान है योग

अस्थमा (दमा) क्या है? What is Asthma in Hindi

अस्थमा (दमा) का रोग एक स्थायी इंफ्लेमेटरी और सूजन वाली अवस्था है जिसमें रेस्पिरेटरी एरिया में विभिन्न उत्प्रेरकों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता की वृद्धि हो जाती है। इसे घरघराहट, श्वास की कमी, सीने में जकड़न और बार-बार खांसी इसके लक्षण हैं, जिसे तुरंत अथवा उपचार के बिना ठीक नहीं किया जा सकता। गैर अस्थमा की स्थिति में सामान्य वायुमार्गों में इन उत्तेजकों का बहुत कम अथवा कोई प्रभाव नहीं होता।

  • अस्थमा वायुमार्ग और ब्रोंकोस्पैज्म के संकुचन का कारण बनता है। श्वास नली (वायुमार्ग )के संकुचन की प्रक्रिया में मूल रूप से शामिल निम्न कारक है।
  • श्वास नली (वायुमार्ग) के आसपास चिकनी मांसपेशियों में तनाव
  • वायुमार्ग की सूजन
  • वायुमार्ग में मोटी बलगम स्राव का संग्रह
  • वायुमार्ग का यह संकुचन ऐसे लक्षणों का कारण बनता है जैसे कि घरघराहट, साँसों की कमी, सीने में जकड़न और खांसी, जो ब्रोन्कोडायलेटर्स (दवाओं) के प्रति प्रतिक्रिया देते हैं।

    अस्थमा (दमा) रोगियों के लिए वरदान है योग
    Yoga for asthma

अस्थमा से श्वास नली का बदलाव । Asthma and Respiratory System in Hindi

अस्थमा के रोगियों का वायुमार्ग (श्वास नली), अतिरिक्त संवेदनशील या अति संवेदनशील होता है। अस्थमा उत्प्रेरकों द्वारा उत्प्रेरित करने पर वायुमार्ग संकुचित होकर प्रतिक्रिया करता है। इससे फेफड़ों में हवा भीतर और बाहर जाने में कठिनाई होती है। जब अस्थमा बार बार होता है उसे अस्थमा आघात कहा जाता है। अस्थमा का आघात आमतौर पर उत्प्रेरक या पर्यावरण में परिवर्तन के कारण होता है। सामान्य उत्प्रेरकों में संक्रमण, मौसम में परिवर्तन, व्यायाम, पर्यावरण में एलर्जीकारक और उत्प्रेरक की उपस्थिति शामिल हैं।

अस्थमा के प्रकार।Types of Asthma in hindi

लक्षणों की गंभीरता के आधार पर इसे हल्के, मध्यम और गंभीर रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
अन्य नैदानिक ​​श्रेणियों में स्टेरॉयड निर्भर, स्टेरॉयड प्रतिरोधी, जटिल और भंगुर अस्थमा शामिल हैं। आमतौर पर अस्थमा को निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है-

  • बाह्य- टाइप: अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रिया से प्रारंभ होने वाला जो कि किसी एक बाहरी एंटीजन के संपर्क से प्रेरित होता है।
  • आंतरिक: विविध, गैर-प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा शुरू किया गया जिसमें एस्प्रिन का ग्रहण शामिल है; फुफ्फुसीय संक्रमण विशेष रूप से वायरल, सर्दी, साँस में परेशानी, तनाव और व्यायाम।

अन्य अनौपचारिक श्रेणियों में फेफड़ों की जकड़न को गति देने वाले एजेंटों या घटनाओं के अनुसार अस्थमा का वर्गीकरण किया जाता है। इनमें मौसमी, व्यायाम प्रेरित, दवा प्रेरित, प्रकार्यात्मक अस्थमा और धूम्रपान करने वालों में अस्थमा ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। एलर्जी से होने वाली ब्रोंको फुफ्फुसीय एस्परगिलाइसिस जो अस्थमा को जटिल कर सकती है, आंशिक रूप से फुफ्फुसीय श्लेष्म में जमा हो जाने वाले कवक के प्रति एलर्जी की प्रतिक्रिया है।

अस्थमा के लक्षण । Asthma symptoms in hindi

  • सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट और खांसी
  • श्वसन में कठिनाई।
  • सीने में जकड़न/बेचैनी
  • आघात एक से कई घण्टों तक रहता है।
  • गंभीर आघात हृदय और परिसंचरण तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
  • गंभीर आघात जिनका सामान्य चिकित्सा से उपचार नहीं किया जा सकता ‘स्टेटस एस्थमैटिकस’ कहलाते हैं और एक आपातकालीन स्थिति है।
  • हाइपरकार्बिया (कार्बन डाई आक्साइड स्तर के बढ़ने की स्थिति) एसीडोसिस तथा हाइपोक्सिया (आक्सीजन स्तर के कम होने की स्थिति) अस्थमा में विरल है।

अस्थमा की पैथोफिजियोलाजी।Pathophysiology of Asthma in hindi

  • हिस्टैमिन का स्राव
  • ब्रोंकोस्पैस्म
  • ब्रोंकियल श्लेष्म का एडिमा
  • ब्रोंकियल स्रवण में वृद्धि
  • एल्वोली में बद्ध गैसें तथा श्वसन में कमी
  • खांसी, सांसों की कमी और घरघराहट

तेजी से सांस के भीतर लिए गए एलर्जी कारक म्यूकोसल मस्ट कोशिकाओं के साथ तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं जिससे हिस्टामाइन और साइनेसिल की वृद्धि होती है। वायुमार्ग संकुचित होकर वायुप्रवाह को बाधित कर देता है। यह संकुचन ब्रोन्कियल दीवारों की जलन के कारण होता है जिससे ब्रांकाई के अस्तर की सूजन और श्लेष्म का स्राव होता है। श्वसन संकट के दौरान अस्थमाग्रस्त श्वसन की सहायक मांसपेशियों का उपयोग करते हैं। यह कार्य श्वास को और भी कठिन बना देता है। अस्थमा के आघात के दौरान, सूजे हुए वायुमार्ग पर्यावरणीय उत्प्रेरकों जैसे धुंआ, धूल और परागकण के प्रति प्रतिक्रियात्मक होते हैं। वायुमार्ग संकुचित हो जाते हैं और अत्यधिक श्लेष्म का उत्पादन करते हैं जो सांस लेना कठिन बनाता है।

अस्थमा में वृद्धि का कारण। Causes of Asthma in hindi

अस्थमा में वृद्धिकारक तत्त्वों में शामिल हैं-

  • तंबाकू का धुआं ।
  • संक्रमण जैसे फ्लू, निमोनिया अथवा ठण्ड।
  • अलर्जी कारक पदार्थ जैसे खाद्य पदार्थ, पराग कण, धूल के कण और पालतू पशुओं की रूसी।
  • व्यायाम।
  • वायु प्रदूषण और विषाक्त पदार्थ।
  • मौसम, विशेषकर तापमान में अत्यधिक बदलाव।
  • दवाएँ (जैसे एस्प्रिन, एनएसएआईडी, बीटा-ब्लाकर्स)।
  • खाद्य योज्य (जैसे एमएसजी)।
  • भावात्मक तनाव व व्यग्रता।
  • धूम्रपान, परफ्यूम अथवा स्प्रे।
  • अम्लीय प्रतिवाह।
  • क्रियात्मक उत्तेजक पदार्थ (गैसें, फ्यूम्स, वाष्प, धूल, तंबाकू और अन्य धुएँ, किसी प्रकार के वायु प्रदूषक)।
  • तिलचट्टे, वायु जीवों के अतिसूक्ष्म कण, पौधे और पौधों के इंजाइम्स, प्रोटीन के परागकण पालतू पशुओं की रूसी (बालों, त्वचा, पंखों के कण)।
  • विषाणु, साइनस संक्रमण जैसे सर्दी।
  • एलर्जीकारक तत्त्व (जिससे व्यक्ति को एलर्जी हो) के संपर्क में आना ।

 

आहार (डायट ) से अस्थमा को कैसे रोके।How to prevent Asthma through Diet in hindi

अस्थमा के प्रबंधन में आहार एक अहम भूमिका निभाता है।

  • कुछ ऐसे आहार हैं, जिनसे अस्थमा के रोगी को अलर्जी होती है और इन खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए। इनमें ठंडे खाद्य पदार्थ, आइसक्रीम, चाॅकलेट, अन्य उत्प्रेरक, फल जैसे केला, दूध तथा दुग्ध पदार्थ इत्यादि शामिल हैं।
  • म्यूकस उत्पादन में वृद्धि करने वाले पदार्थों से विशेषकर दूर रहना चाहिए।
  • गर्म पानी/पेय पदार्थ ग्रहण करने का प्रयास करें।
  • घी, मक्खन, तैलीय, मसालेदार कफवर्धक पदार्थों से बचें।
  • दमा का आघात होने पर सूर्यास्त के बाद भोजन करने से बचें।

 

अस्थमा के लिए कारगर योग ।Yoga poses for Asthma in hindi

आज के समय में अस्थमा के उपचार में आहार के महत्त्व पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है। अस्थमा के उपचार का लक्ष्य फेफड़े के संकुचन से बचाव तथा उसे बढ़ाने वाले कारणों की रोकथाम होना चाहिए। अस्थमा को रोकने और ठीक करने के लिए योग अहम रोल अदा कर सकता है। कुछ योग करके आप अस्थमा से हमेशा हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं।

  1. जलनेति
  2. सूत्रनेति
  3. कपालभाति
  4. कुंजल, वस्त्र धौति
  5. सूर्यनमस्कार
  6. सूक्ष्म व्यायाम के चुनिंदा अभ्यास- उच्चारण स्थल तथा विशुद्धि चक्र शुद्धि, बुद्धि तथा धृति शक्ति विकासक, वक्षस्थल शक्ति विकासक-1 तथा 2
  7. ताड़ासन
  8. कटिचक्रासन
  9. उध्र्वहस्तोनासन
  10. गोमुखासन
  11. उष्ट्रासन
  12. वक्रासन
  13. भुजंगासन
  14. सर्वांगासन
  15. सरल मत्स्यासन
  16. नाड़ीशोधन प्राणायाम
  17. सूर्यनाड़ी प्राणायाम
  18. भ्रामरी प्राणायाम
  19. भ्रस्त्रिका प्राणायाम
  20. योग निद्रा/अंतर्माैन
  21. ध्यान

 

 

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