गुप्ता्सन योग विधि, लाभ और सावधानी

गुप्ता्सन योग क्या है ? What is Guptasana in Hindi

‘गुप्त’ का अर्थ होता है गोपनीय या छिपा हुआ। यह आसन यौन विकारों से संबंधित कई प्रकार की समस्याओं में लाभकारी होता है, इसीलिए इसे गुप्तासन कहते हैं। यह सेक्सुअल प्रोब्लेम्स के लिए बहुत ही मुफीद आसन है। इस आसन के अभ्यास से विभिन्य प्रकार के सेक्स समस्याएँ का समाधान किया जा सकता है। यह विभिन्य प्रकार के बीमारी जैसे स्वप्नदोष, वीर्यदोष, वीर्य चंचलता, मूत्र-संबंधी बीमारी, गुदा की बीमारियाँ इसके अभ्यास से ठीक हो जाती है|Guptasana, steps, benefits, precaution

 

गुप्ता्सन विधि – How to do Guptasana in Hindi

गुप्ता्सन को बहुत सरल रूप में बताया गया है जिसे समझ कर आप आसानी से इस योग का अभ्यास कर सकते हैं।

तरीका

  • आप जमीन पर इस तरह बैठें कि बाएं पैर की एड़ी गुदा के संपर्क में रहे।
  • उसके बाद आप अपने नितंबों (Buttocks) को उठाकर बायां पैर दाएं पैर के ऊपर इस तरह रखें कि पंजे बाएं पांव की जांघों के नीचे छिपे रहें।
  • बैठते समय हाथ घुटनों के ऊपर होते हुए नीचे रखें।
  • आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
  • धीरे धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • अपने हिसाब से इस आसन को धारण करें और फिर धीरे धीरे इसकी अवधी को बढ़ाते जाएं।

 

गुप्ता्सन के लाभ – Guptasana benefits in Hindi

गुप्ता्सन के कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया जा रहा है।

  1. गुप्ता्सन सेक्सुअल प्रोब्लेम्स के लिए: यह बहुत सारे सेक्स से सम्बंधित समस्याओं को हल करने का एक उम्दा योगाभ्यास है। यह आसन अनैच्छिक र्वीयपात (Involuntary Semen), अत्यधिक् कामोत्तेचजना (Excessive Sexual Arousal ) को नियंत्रित करता है। यह स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योग है। इसका नियमित अभ्यास करके आप अपने सेक्स जीवन में खुश रह सकते हैं।
  2. गुप्ता्सन मूत्र रोगों के उपचार में : इस आसन का नियमित अभ्यास से आप मूत्र मार्ग के रोगों का उपचार करने में कामयाब हो सकते हैं।
  3. गुप्ता्सन कुण्डिलिनी जागरण के लिए: कुंडलिनी शक्ति के जागरण में यह प्रभावी योगाभ्यास है।
  4. स्वप्नदोष विकार के इलाज में: यह आसन जवानों में स्वप्नदोष विकार को दूर करता है।
  5. ब्रह्मचर्य की शक्ति बढ़ाने में: अगर आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना हो तो गुप्तासन करें। इस आसन के नियमित अभ्यास से कुछ ही दिनों में ब्रह्मचर्य शक्ति विकसित हो जाती है।
  6. आंतरिक शक्ति बढ़ाने में : इस आसन के अभ्यास से शरीर को आंतरिक शक्ति मिलती है।
  7. गुप्तासन चेहरे की लिए: अगर आपको अपनी चेहरे की खूबसूरती बढ़ानी हो तो इस आसन का अभ्यास करें। यह चेहरा और त्वचा पर चमक लाने में कारगर है।
  8.  आंखों की स्वस्थ के लिए: यह आंखों की रोशनी को बढ़ाता है और इसकी अनेक बीमारियों की रोकथाम में सहायक है।

 

गुप्तासन सावधानी – Guptasana precautions in Hindi

  • गुप्तासन उनको नहीं करनी चाहिए जिनको घुटनों में दर्द हो।
  • अगर आपके एड़ी में कोई चोट हो तो इस आसन का अभ्यास न करें।

 

3 thoughts on “गुप्ता्सन योग विधि, लाभ और सावधानी”

Leave a Comment