डायबिटीज कण्ट्रोल करने के लिए 10 योगासन

डायबिटीज क्या है। Diabetes in hindi

संपूर्ण जनसंख्या और सभी आयु वर्ग में मधुमेह सबसे आम अंतः स्रावी रोगों में से एक है। यह एक स्थायी उपापचयी रोग भी है जिसमें इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी अथवा प्रभावहीनता के कारण शरीर कार्बोहाइडेª, वसा एवं प्रोटीन का उपापचय नहीं कर पाता। इस रोग में शरीर शर्करा का उपयोग नहीं कर पाता है।

ग्लूकोज़ शरीर के सभी कार्यों हेतु ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। पाचन के पश्चात्, यह रक्त में घुल जाता है जहाँ कोशिका ऊर्जा एवं वृद्धि हेतु इसका इस्तेमाल करती है। इसके उपयोग के लिए, शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन उचित मात्रा में होना चाहिए, जिसका उत्पादन अग्न्याशय (पैंक्रियाज़) द्वारा किया जाता है। अग्न्याशय में उचित मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न न करने के कारण रक्त से ग्लूकोज का ग्रहण कम हो जाता है और इसलिए रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

मधुमेह (डायबिटीज मेलीटस) एक ही बीमारी नहीं है, बल्कि हाइपरग्लेसेमिया के सामान्य लक्षण साझा करने वाले चयापचय संबंधी विकारों का एक समूह है। मधुमेह में हाइपरग्लेसेमिया इंसुलिन स्राव में दोष, इंसुलिन क्रिया या सबसे अधिकतर दोनों में दोष का परिणाम होता है।

डायबिटीज के प्रकार ।Diabetes types in hindi

मधुमेह के बहुसंख्यक मामले दो श्रेणियों में विभाजित  क्या गया है।

टाइप 1 मधुमेह: टाइप 1 मधुमेह को अग्न्याशय की आवर्ण कोशिकाओं  के भंजन के कारण इंसुलिन के नितांत अभाव हो जाता है। संपूर्ण मामलों के 10 प्रतिशत इसके अंतर्गत आते हैं।

टाइप 2 मधुमेह: टाइप 2 मधुमेह इंसुलिन कार्रवाई के लिए परिधीय प्रतिरोध के संयोजन के कारण अग्नाशयी बीटा कोशिकाओं द्वारा एक अपर्याप्त स्राविक प्रतिक्रिया है। लगभग 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत रोगियों को टाइप 2 मधुमेह है।

 

डायबिटीज के लक्षण।Diabetes symptoms in hindi

  • पालीयूरिया – बहुमूत्रता
  • पालीफेजिया- भूख में वृद्धि
  • पालीडिप्सिया- प्यास में वृद्धि
  • वजन कम होना
  • अत्यधिक मूत्र विसर्जन के कारण शरीर में पानी की कमी
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी

 

मधुमेह रोगियों की समस्याएँ। Diabetes complications in hindi

  • हृदयाघात, आघात
  • पैर की गैंग्रीन
  • संक्रमण/फोड़े का बार-बार होना
  • दृष्टि में तीव्र क्षय तथा दृष्टिहीनता
  • यौन समस्याएँ
  • गुर्दे की समस्याएँ
  • दृष्टि का धुंधला होना अथवा द्विगुण दृष्टि (डिप्लोपिया)
  • रेटिनापैथी- रक्त ग्लूकोज़ के स्तर के कारण रक्त कोशिकाएँ और आँखों के लेंस सूजकर फैल जाते हैं जिसका परिणाम होता है- दृष्टि में विकृति।
  • नेफ्रोपैथी- गुर्दों की खराबी।
  • न्यूरोपैथी- जब रक्त शर्करा बहुत अधिक हो जाती है तो यह तंत्रिका पीड़ा उत्पन्न कर सकती है (विशेषकर पैरों में)।

डायबिटीज का आहारीय इलाज। Diabetes treatment through food in hindi

रोग की गंभीरता, क्रिया और मेटाबोलिज्म क्रियाओं के अनुसार मधुमेह के आहार के लिए कुछ मूलभूत सिद्धांत हैंः

  • कैलोरी का ग्रहण रोगी के वजन को घटाने अथवा बढ़ाने में सहायक होना चाहिए (जैसी आवश्यकता हो)। 
  • आहार में दी जाने वाली प्रोटीन की मात्रा सामान्य होती है।  
  • अम्लरक्तता से बचाने के लिए उचित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए।
  • भोजन में रेशों की अधिक मात्रा रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को बढ़ने से रोककर मधुमेह पर नियंत्रण रखता है। यह रक्त कोलेस्ट्राल और ट्राईग्लिसराइड को कम करता है तथा वजन घटाने में सहायक है।

आहार जिनका सेवन नहीं करना चाहिए

  • जड़युक्त सब्जियाँ आलू, रतालू इत्यादि।
  • तले हुए खाद्य पदार्थ और मीठा।
  • शीतल पेय और अल्कोहल युक्त पेय।
  • आम, केला, चीकू, शरीफा, अंगूर और खजूर जैसे फल।
  • तैलीय, तले हुए, ठण्डे तथा फास्ट फूड से बचाव किया जाना चाहिए।

 

डायबिटीज के लिए प्रभावी योगासन। Yoga for diabetes in hindi

विभिन्न शोधों में डाइबिटीज के प्रबंधन में यौगिक अभ्यासों को लाभदायक पाया गया है। मधुमेह के नियंत्रण के यौगिक प्रबंधन के दो उद्देश्य हैं-

अ) पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय की कोशिकाओं को सक्रिय करना। ब) इंसुलिन प्रतिरोध को समाप्त करना।

रोगी को बताए जाने वाले योगाभ्यास

  • षट्कर्म क्रियाएँ: कुंजल, वस्त्रधौती, कपालभाति, अग्निसार और नौली
  • आसन: ताड़ासन, कटिचक्रासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, मत्स्यासन, हलासन, उष्ट्रासन,  अर्धमत्स्येंद्रासन, मण्डूकासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन
  • प्राणायाम: नाड़ीशोधन, सूर्यभेदन, भस्त्रिका और भ्रामरी
  • बंध: उड्डीयान बंध
  • ध्यान: श्वास के प्रति सजगता

 

1 thought on “डायबिटीज कण्ट्रोल करने के लिए 10 योगासन”

Leave a Comment