धनुरासन योग: विधि, लाभ और सावधानियाँ

धनुरासन योग पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान जो अनेकों स्वास्थ्य फायदे के लिए जाना जाता है। चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकार जाता है। इसको Bow पोज़ के नाम से भी जाना जाता है ।Dhanurasana for weight loss

 

धनुरासन योग की विधि -Dhanurasana steps in Hindi

शुरुवाती दौड़ में लोग धनुरासन करने से घबराते हैं लेकिन अगर आप इनके सरल तरीकों को जान जाए तो आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं।

  • सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाए।
  • सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े।
  • सांस लेते हुए आप अपने सिर, चेस्ट एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
  • अपने शरीर के लचीलापन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं।
  • शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें।
  • जब आप पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लें तो पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें।
  • धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े। अपने हिसाब से आसन को धारण करें।
  • जब आप मूल स्थिति में आना हो तो लम्बी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।
  • यह एक चक्र पूरा हुआ।
  • इस तरह से आप 3-5 चक्र करने की कोशिश करें।

 

धनुरासन योग के लाभ – Dhanurasana benefits in Hindi

अगर आप सही तरीके से धनुरासन करते हैं तो इसका मतलब यह हुआ की आप भुजंगासन एवं शलभासन दोनो एक साथ कर रहे हैं और दोनों का लाभ उठा रहे हैं। यहां पर धनुरासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे बताया जा रहा है।

  1. धनुरासन मोटापा घटाने के लिए: यह आसन वज़न कम करने के लिए एक उत्तम योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और आपके पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है।
  2. धनुरासन डायबिटीज के लिए : यह आसन मधुमेह के रोगियों के लिए अति लाभदायक है। इसके अभ्यास से पैंक्रियास उत्तेजित होता है और इन्सुलिन के स्राव में मदद मिलती है जो शुगर के संतुलन सहायक है। इसके अभ्यास से डायबिटीज टाइप1 और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में फायदा पहुँचता है।
  3. धनुरासन कमर दर्द के लिए: यह आसन पीठ दर्द के लिए रामबाण योग है । अगर इसका आप रोजाना अभ्यास करते हैं तो हमेशा हमेशा के लिए कमर दर्द की परेशानी से निजात  मिल सकती है। यह पीठ के लिगामेंट्स, मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं में खिंचाव ले कर आता है और पुरे स्पाइनल कॉलम में एक नई जान फूंकता है।
  4. धनुरासन अस्थमा के लिए: यह आसन अस्थमा रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है। इसके अभ्यास से सीने में अच्छा खासा खिंचाव आता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है जो अस्थमा रोगियों के लिए बहुत जरूरी है ।
  5. धनुरासन योग स्लीप डिस्क के लिए: इस आसन के अभ्यास से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है।
  6. धनुरासन कब्ज के लिए: इसके अभ्यास से कब्ज एवं अपच को दूर किया जा सकता है। यह आसान सही तरीके से एंजाइम के स्राव में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  7. धनुरासन विस्थापित नाभि के लिए: यह योगाभ्यास विस्थापित नाभि अपनी जगह पर लाने के लिए लाभदायक है।
  8. धनुरासन थाइरोइड के लिए: यह योगासन थाइरोइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है तथा इसके हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है।

 

धनुरासन की सावधानियाँ – Dhanurasana precautions in Hindi

धनुरासन करते समय कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

  • धनुरासन उन्हें नहीं करनी चाहिए जिन्हें तीव्र कमर दर्द हो।
  • हर्निया के रोगीओं को इस आसन के करने से बचना चाहिए।
  • अगर आप ulcer या पेप्टिक ulcer से प्रभावित हैं तो इस आसन के अभ्यास से बचें।
  • कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति इसे मत करें।
  • उक्त रक्त चाप वाले व्यक्ति इस आसान को विशेषज्ञ के परामर्श से करें।
  • अगर पथरी की शिकायत हो तो इसे न करें
  • साइटिका से ग्रस्त व्यक्ति इसको करने से पहले विशेषज्ञ का परामर्श लें ।

 

3 thoughts on “धनुरासन योग: विधि, लाभ और सावधानियाँ”

  1. आपके लेखन में एक आकर्षण है जो पोस्ट को पढ़ने के लिए जरूरी हैबहुत अच्छा लेखन

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  2. This is a good tip especially to those fresh to the blogosphere. Short but very accurate information… Thank you for sharing this one. A must read post!

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