सिद्धासन योग विधि, लाभ और सावधानी

सिद्धासन योग क्या है ? What is Siddhasana in Hindi

योगासन की दुनिया में सिद्धासन का बहुत बड़ा महत्त्व है। 84 लाख आसनों में सिद्धासन को सबसे सर्वेश्रेष्ट आसन में रखा गया है। यह आसान आपको मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाता है। इसको सच्चे दिल एवम सही तरीके से करने पर यह आपको अलौकिक सिद्दियाँ प्राप्त की ओर लेकर जाता है।siddhasana steps benefits precaution

सिद्धासन योग कैसे करें – How to Siddhasana in Hindi

सिद्धासन को अगर सही विधि के साथ किया जाए तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। यहां पर इसके सरल तरीके को बताया जा रहा है।

  • सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं।
  • बाएं पैर की एड़ी को गुदा से सटाकर रखें तथा दाएं पैर की एड़ी को अंडकोष के नीचे रखें।
  • दोनों पैरों के पंजे जांघों एवं पिंडलियों के बीच होने चाहिए।
  • हाथों को घुटनों के ऊपर रखें।
  • ध्यान रहे इस योगाभ्यास के दौरान आपका पूरा शरीर एकदम सीधा होना चाहिए।
  • अपनी दृष्टि को नाक की नोक पर केंद्रित करें।
  • शुरुवाती दौड़ में इसको आप कुछ समय के लिए प्रैक्टिस करें लेकिन धीरे धीरे इसकी अवधि को बढ़ाएं और 10 मिनट तक लेकर जाएं।

 

सिद्धासन के लाभ –  Siddhasana benefits in Hindi

यहां पर सिद्धासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में जिक्र किया जा रहा है।

  1. ब्रह्मचर्य प्राप्ति में सहायक: इस आसन के अभ्यास से कामवासना समाप्त होने में मदद मिलती है और ब्रह्मचर्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  2. कुंडलिनी जागरण योग: यह आसन मानसिक ठहराव देते हुए सूक्ष्म्नाड़ी से प्राण का प्रवाह सुनिश्चित करता है तथा कुंडलिनी जागरण में सहायता करता है।
  3. नाड़ियों का शुद्धिकरण में: इस आसन का नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है और पुरे शरीर में तरोताजगी आ जाती है। इस आसन के अभ्यास से 72 हजार नाड़ियों की अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है।
  4. सिद्धासन ध्यान के लिए: इस आसन ध्यान के लिए अति उत्तम आसन है और साथ ही साथ आपके मन को एकाग्र करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
  5. दिमाग को तेज करने के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से दिमाग तेज होता है। इसलिए छात्र एवं छात्राओं के लिए यह एक उम्दा योगाभ्यास है।
  6. पाचन के लिए लाभदायक: यह आपके जठराग्नि को तेज करता है, पाचन क्रिया को नियमित करने में सहायक है।
  7. वीर्य की लिए लाभदायक: इस आसन से वीर्य की रक्षा होती है। जिनको स्वप्नदोष की शिकायत है उनको इस आसन का अभ्यास जरूर करनी चाहिए। और यौन से सम्बंधित रोगों को दूर करता है।
  8. सिद्धासन बवासीर में: सिद्धासन का नियमित अभ्यास से बवासीर में बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है।
  9. कुम्भक आसन: इस आसन के नियमित अभ्यास से कुम्भक आसानी से लगने लगता है।

 

सिद्धासन योग सावधानी – Siddhasana precautions in Hindi

  • सिद्धासन को बलपूर्वक नहीं करनी चाहिए।
  • यह आसन शांत एवं आराम भाव से करना चाहिए।
  • अगर घुटने में दर्द हो तो कुछ समय के लिए इस आसन को करने से बचें।
  • उनको भी इस आसन को नहीं करनी चाहिए जिन्हें कमर दर्द की शिकायत हो।

 

2 thoughts on “सिद्धासन योग विधि, लाभ और सावधानी”

  1. बहुत अच्छी जानकारी सिद्धासन एक महत्वपूर्ण अभ्यास है और अपने अच्छी तरह से समझाया है।

    Reply

Leave a Comment