सुदर्शन क्रिया योग, विधि, फायदे और सावधानियां

सुदर्शन क्रिया योग क्या है – What is Sudarshan Kriya in hindi?

  • सुदर्शन क्रिया पूरी तरह से सांस लेने पर केंद्रित है।
  • ‘सु’ का अर्थ है ‘उचित’, और ‘दर्शन’ का अर्थ है दृष्टि। ‘क्रिया’ का अर्थ है ‘शरीर को शुद्ध करना’।
  • यह एक अद्भुत योग क्रिया है जिसमें श्वास धीमी और तीव्र गति से लिया जाता है।
  • अगर इसको रेगुलर किया जाए तो सांस पर अच्छी तरह आप कण्ट्रोल प् सकते हैं।
  • इसके अनेकोनेक फायदे हैं जैसे इम्यून सिस्टम को बेहतर करना, मानसिक बीमारियों से दूर रखना, मन को शांत करने में मदद करना, नींद की क्वालिटी को बेहतर करना, शरीर के एनर्जी लेवल में इजाफा करना, इत्यादि है।
  • मॉडर्न साइंस के अनुसार यह शरीर के 90% विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकती है।
  • सुदर्शन क्रिया आपको एकलय करती है और शरीर को शुद्धतम कि ओर ले जाती है।
  • इस आलेख में हम इसके करने का तरीका, लाभ और सावधानियां के बारे में विस्तार से पढ़ेगें।

    सुदर्शन क्रिया योग, विधि, फायदे और सावधानियां
    Bhastrika-Pranayama

सुदर्शन क्रिया करने के विधि-Sudarshan Kriya steps  in hindi

सुदर्शन क्रिया कैसे किया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।

उज्जयी प्राणायाम विधि –  Ujjayi Pranayama steps in Hindi

  • पद्मासन में में बैठें।
  • मुंह को बंद रखते हुए दोनों नासिकाओँ से धीरे-धीरे श्वास लें जबतक श्वास पूरी तरह फेपड़े में ना भर जाए।
  • सांस लेते समय थायरॉयड वाले हिस्से को कंपन कराके ऊं की ध्वनि उत्पन्न करने की कोशिश करें।
  • श्वास को तबतक अंदर रखें जबतक आप इसको रोक सकतें हैं।
  • फिर दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका बंदकर बायीं नासिका से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप अपने हिसाब से 5 -10 चक्र करें।

भस्त्रिका प्राणायाम विधि –  Bhastrika Pranayama steps in Hindi

  • पद्मासन या किसी आरामदायक अवस्था में बैठ जाए।
  • शुरू शुरू में धीरे धीरे सांस लें और फिर इसे बलपूर्वक छोड़े।
  • अब आप तेजी से साँस लें और बलपूर्वक श्वास छोड़ें।
  • यह क्रिया लोहार की धौंकनी की तरह फुलाते और पिचकाते हुए होना चाहिए।
  • 5 -10 बार इस प्रक्रिया को करने के बाद अंत में श्वास छोड़ें और गहरा श्वास लें और फिर श्वास को रोककर (कुंभक) करें।
  • फिर उसे धीरे-धीरे श्वास को छोड़े।
  • यह एक चक्र हुआ। अपने हिसाब से दो-चार बार और करें।

ओम चैटिंग- Om chanting in  Hindi

  • ओम चैटिंग में ध्यान रहे कि आप पेट से सांस लेते इसकी उच्चारण करे रहे हैं।  यह आपको शांत रखता है।

शुद्धि क्रिया- Purifying breath in Hindi:

  • सुदर्शन क्रिया योग का आखिरी चरण है जिसमें सांसो की गति को बार बार बदलना जाता है।
  • इसमें पहले धीमी गति से सांस लें इसके बाद सांसों की स्पीड थोड़ी बढ़ा दें और अंत में सांसो की गति काफी तेज कर दें।
  • ध्यान रहे यह सब क्रिया एक लय में होना चाहिए।

सुदर्शन क्रिया के लाभ फायदे-Sudarshan kriya benefits in hindi

  • स्ट्रेस को कम करता है: इस क्रिया के अभ्यास से स्ट्रेस एवं डिप्रेशन जैसे कई रोगों को दूर करने में मदद करती हैं।
  • दृष्टि मजबूत होती है: सुदर्शन क्रिया विशेष रूप से आंखों के लिए बहुत लाभदायक है।  आंखों की कमजोरी और दृष्टि दोष में इस क्रिया की अभ्यास करनी चाहिए।
  • सांसों की नियंत्रण में: सुदर्शन क्रिया सांसों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अभ्यास के कुछ ही दिन बाद इसके अच्छे परिणाम आने लगते हैं।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है: यह आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करता है और धीरे धीरे नकारात्मकता को कम करने में मदद करता है।
  • नींद बेहतर बनाता है: यह क्रिया चिंता और तनाव को दूर करते हुए नींद को बेहतर बनाता है।

कौन-कौन कर सकता है सुदर्शन क्रिया

  • 18 वर्ष या उससे अधिक के सभी लोग इस शुद्धि क्रिया को कर सकते हैं।
  • आर्ट ऑफ़ लिविंग के अनुसार यह भारत सहित 156 देशों के 45 करोड़ से अधिक लोग सुदर्शन क्रिया सीख चुके हैं।
  • आप इसको ऑनलाइन भी सीख  सकते हैं।

सुदर्शन क्रिया में रिसर्च

  • पुए विश्व भर के वज्ञानिकों का ध्यान सुदर्शन क्रिया तकनीक पर गया।
  • इस क्रिया पर लगभग 100 से अधिक शोध किये गए और  सब में इसके फायदे के बारे में बताया गया है।

सुदर्शन क्रिया की सावधानियां- Sudarshan kriya precautions in hindi

  • अगर श्वसन संबंधी समस्या है तो सुदर्शन क्रिया ना करें।
  • प्रेग्नेंसी के समय इस क्रिया का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस क्रिया को करने से बचना चाहिए।
  • खाना खाने के कम से कम 3-4 घंटे के अंतराल में इसका अभ्यास करनी चाहिए।

 

 

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