नटराजासन योग विधि, लाभ और सावधानियां

नटराजासन क्या है – Natarajasana in Hindi

नटराजासन का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है जो नृत्य के देव भी माने जाते हैं।  वैसे तो नटराजासन  के कई प्रकार है लेकिन यहां पर जिस नटराजासन की व्यख्या की जा रही है यह नटराजासन का एक विकसित अवस्था है। इस आसन को सबके लिए अभ्यास करना आसान नहीं है। लेकिन प्रैक्टिस के साथ इस पर आप  जीत पा सकते हैं। नटराजासन को एडवांस्ड योगाभ्यास के वर्ग में रखा गया है।

 

नटराजासन की विधि – Natarajasana steps in Hindi

शुरुवाती दौड़ में इस आसन को करना आसान नहीं होगा।  इसके लिए आपको प्रैक्टिस की जरूरत है। लेकिन कुछ दिन के अभ्यास के बाद इसे आप अच्छी तरह कर सकते हैं।  यहां पर नटराजासन को करने की बहुत ही सरल विधि बताई गई है।natrajasana-steps-benefits-precaution

  • सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब आप अपने दायां पैर को उठाएं, उसे घुटनों से मोड़ें तथा जितना संभव हो पीठ के पीछे ले जाएं।
  • दोनों बांहों को सामने से ऊपर उठाएं, फिर उन्हें पीछे ले जाएं।
  • अब आप बाएं पांव पर खड़े रहते  और अपने संतुलन बनाते हुए दाएं पैर को दोनों हाथों से पकड़कर जितना संभव हो सिर के ऊपर ले जाएं।
  • ध्यान रहे आपका सिर स्थिर और दृष्टि सामने हो।
  • जहाँ तक हो सके इस अवस्था को बनाये रखें और फिर धीरे धीरे आरंभिक स्थिति में आ जाएं।
  • यह आधा चक्र हुआ।
  • इसी तरह से आप बायें पैर से भी इसे करें।
  • अब एक चक्र पूरा हुआ।
  • इस तरह से आप 5 से 7 चक्र करें।

 

नटराजासन की सरल विधि – Natarajasana steps in Hindi

  • सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं।
  • अब आप अपने दायां पैर को उठाएं, उसे घुटनों से मोड़ें और टखने को दाएं हाथ से पकड़े  और जितना संभव हो पीठ के पीछे ले जाएं।
  • अपने बाएं हाथ को सामने से 45 डिग्री पर ऊपर उठाएं और सीधा खीचें।
  • ध्यान रहे आपका सिर स्थिर और दृष्टि सामने हो।
  • जहाँ तक हो सके इस अवस्था को बनाये रखें और फिर धीरे धीरे आरंभिक स्थिति में आ जाएं।
  • यह आधा चक्र हुआ।
  • इसी तरह से आप बायें पैर से भी इसे करें।
  • अब एक चक्र पूरा हुआ।
  • इस तरह से आप 10 चक्र करें।

 

नटराजासन के लाभ – Natarajasana benefits in Hindi

नटराजासन योग के बहुत सारे फायदे हैं। यहां पर कुछ महत्वपूर्ण लाभ का वर्णन किया जा रहा है।

  1. वजन कम करने के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से शरीर के विभिन्य हिस्सों से चर्बी को गलाने में मदद मिलती है।
  2. जांघों का मोटापा कम करने के लिए: जांघों की अतरिक्त चर्बी को कम करके इसे शुडाल बनाता है और साथ ही साथ जांघों की मोटापा को भी कम करता है।
  3. एकाग्रता बढ़ाने: इसका अभ्यास करने से एकाग्रता बढ़ती है।
  4. याद्दास्त बढ़ाने : इससे याद्दास्त में इजाफा होता है।
  5. पैरों की मजबूती: इस आसन के करने से आपके पैर मजबूत होते हैं।
  6. बाहों की मजबूती: इसके प्रैक्टिस से आपके बाहें मजबूत एवं शुडूल बनती है।
  7. कैल्शियम के जमने पर रोक:  इस आसन के अभ्यास से आप कंधों एवं मस्तिष्क में कैल्शियम जमा होना  रोक सकते हैं।
  8. संतुलन: यह शरीर के संतुलन को सुधारता है।
  9. घुटने को आराम दिलाना: यह आसन घुटने के लिए  बहुत ही उम्दा आसान है।  इसके नियमित अभ्यास से आप अपने घुटने को मजबूत करने के साथ साथ इसके दर्द को भी कम कर सकतें हैं।
  10. तनाव दूर करने के लिए: इसके अभ्यास से आप तनाव को बहुत हद तक कम कर सकते हैं।

 

नटराजासन के सावधानियां – Natarajasana precautions in Hindi

इसके कुछ सावधानियां जिसे आपको जनना जरूरी है।

  • नटराजासन उनको नहीं करनी चाहिए जिन्हें घुटनों में  बहुत दर्द हो।
  • वैरिकोस नस से परेशान वाले व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • साइटिका के रोगियों को इससे परहेज करनी चाहिए।
  • रीढ़ की हड्डी में कोई परेशानी हो तो इन्हें करने से बचें।

 

Leave a Comment