मार्जरी आसन योग विधि, लाभ और सावधानी (Marjariasana Steps, Benefits and Precautions)

मार्जरी आसन के माने क्या है? What is Marjariasana in hindi

मार्जरी आसन दो शब्दों से मिलकर बना है।  मार्जरी का अर्थ है ‘बिल्ली’ और आसन का मतलब होता है योग पोज़। मार्जरी आसन को कैट पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि बिल्ली आमतौर पर अपनी रीढ़ को ऊपर और नीचे की ओर फैलाती है। कैट पोज़ रीढ़ की सेहत के लिए सबसे अच्छे योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है और साथ ही साथ बहुत सारी लाभों से जुड़ा हुआ है। खासकर महिलाओं के यौन विकारों के मामले में यह काफी लाभप्रदक है।

मार्जरी आसन योग विधि, लाभ और सावधानी (Marjariasana Steps, Benefits and Precautions)
How to do Marjariasana

मार्जरी आसन की विधि। How to do Marjariasana in hindi  

मार्जरी आसन कैसे किया जाए इसके आसान तरीकों को यहाँ बताया गया है। 

  • सबसे पहले आप जमीन पर घुटने टेकें।
  • घुटनों और पैरों के बीच थोड़ी सी दुरी होनी चाहिए।
  • अब आगे की ओर झुकें और अपने दोनों हाथों को घुटनों के सामने ज़मीन पर रखें।
  • यह सुनिश्चित करें कि हाथ सीधे कंधों से नीचे हों।
  • जांघें भी खड़ी होनी चाहिए।
  • साँस छोड़ते हुए, अपनी पीठ को ऊपर की ओर खींचें और सिर को सीने की ओर लेकर जाए। 
  • श्वास लें, अपने सिर को ऊपर उठाएं और पीठ को नीचे ले जाने की कोशिश करें। 
  • यह एक चक्र है। अपनी सुविधा के अनुसार 2 या 3 बार करें।
Marjariasana steps

मार्जरी आसन में साँस कैसे लें? Breathing in Marjariasana in hindi

बिल्ली स्ट्रेच योग में साँस का लेना और छोड़ना दोनों ही बहुत अहम है। जब आप अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर खींचते तो साँस लें और सिर को सीने की ओर लेकर जाए। जब आप रीढ़ की हड्डी को नीचे की ओर खींचते तो साँस छोड़े और अपने सिर को ऊपर की ओर लेकर जाए और जितना ज्यादा  से ज्यादा हो सके अपने फेफड़ों से जितना संभव हो उतना हवा निकालें। 

मार्जरी आसन कितना समय करें? Marjariasana practice duration in hindi

अपनी पीठ को ऊपर की दिशा में ले जाते हुए, इसे 5-10 सेकंड तक बनाए रखने की कोशिश करें। और जब आप अपनी पीठ को नीचे लाते हैं तो इतना समय तक रोके।  हालांकि, बिल्ली जैसी इस मुद्रा को बनाए रखना सुविधा और समय के अनुसार बढ़ाया जा सकता है। इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए इस योग को आप 10  बार कर सकते हैं।  लेकिन बीमारियों के मामले में, योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के अनुसार राउंड को बढ़ाया जा सकता है।

मार्जरी आसन के क्या क्या फायदे हैं ? Benefits of Marjariasana in hindi

  1. रीढ़ को मजबूत बनाना: यह रीढ़ की हड्डी के सेहत के लिए सबसे अच्छे योगों में से एक है। यह रीढ़ को ढीला करने में मदद करता है। यह उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जिन्हें कठोर रीढ़ या पुरानी पीठ या गर्दन में दर्द होता है।
  2. पेल्विक क्षेत्र के लिए अच्छा: इस योग के नियमित अभ्यास से श्रोणि क्षेत्र की मालिश होती है जिससे यह मजबूत होता है।
  3. पाचन में सहायक: यह पाचन से संबंधित अंगों को सक्रिय करता है और एन्ज़इम्स एवं हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है जिससे पाचन और कब्ज पर काबू पाने में मदद मिलती है।
  4. आंतरिक अंग: यह तंत्रिकाओं को फैलाता है और उत्तेजित करता है। इस तरह से पुरे नर्वस सिस्टम को कण्ट्रोल करता है। अतः आंतरिक अंगों के सुचारू संचालन के लिए अच्छा योग अभ्यास  है।
  5. प्रजनन संबंधी विकार: यह यौन अंगों की बीमारियों के लिए अच्छा योग अभ्यास है और प्रजनन विकारों से संबंधित मुद्दों को कम करने में मदद करता है।
  6. मासिक धर्म की समस्याएं: इस योग का रेगुलर अभ्यास करने से महिलाओं को अत्यधिक लाभ हो सकता है और मासिक धर्म जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है।
  7. ल्यूकोरिया: इस आसन का नियमित अभ्यास ल्यूकोरिया की रोकथाम के लिए यह योग पोज़ रामबाण की तरह काम करता है।
  8. गर्भावस्था के बाद के आसन: गर्भावस्था के बाद के लिए यह एक उत्कृष्ट आसन है क्योंकि यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पेट को अपने सामान्य आकार को फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  9. गर्दन का दर्द: इसके अभ्यास से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है। 
  10. पीठ दर्द: अगर इसआसन को किसी एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में किया जाए तो यह पीठ दर्द और पुरानी पीठ दर्द की गंभीरता को कम किया जा सकता है।

मार्जरी आसन की सावधानियां । Marjariasana precautions in hindi

निम्नलिखित परिस्थितियों में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

  • पीठ दर्द
  • गर्दन में दर्द
  • रीढ़ की हड्डी की चोट
  • पेट में चोट
  • सिर पर चोट
  • घुटनों का दर्द
  • गर्भावस्था

मार्जरी आसन के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य Top 10 facts of Marjariasana in hindi

  1. स्तर: बुनियादी
  2. शैली: अष्टांग योग
  3. अवधि: प्रत्येक चरण में 5-10 सेकंड
  4. चक्र: 10 राउंड या अधिक अपनी सुविधा के अनुसार
  5. मजबूती: रीढ़, गर्दन, पीठ, पेट की मांसपेशियों, श्रोणि क्षेत्र, यौन अंगों, कलाई,
  6. स्ट्रेच: रीढ़, गर्दन, पीठ, कंधे, पेट
  7. पेट की चर्बी को हटाने के लिए अच्छा है कि पेट क्षेत्र का नियमित रूप से खिंचाव हो।
  8. तनाव को कम करने के लिए अच्छा योग है
  9. मन विश्राम मुद्रा
  10. आंतरिक अंगों में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है

 

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