वस्त्रधौति विधि, लाभ और सावधानी

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वस्त्रधौति क्या है। Vastra Dhauti in Hindi

‘वस्त्र’ का अर्थ है कपड़ा। पेट एवं भोजन नली को कपड़े से साफ करने की क्रिया वस्त्रधौति है।  वस्त्रधौति एक अत्यंत लाभकारी शोधन योग क्रिया है जो पुरे शरीर को साफ करते हुए शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। शरीर से हानिकारक पदार्थ को वस्त्र के मदद से निकाला जाता है।
योगिक ग्रन्थ हठप्रदीपिका में वस्त्रधौति को इस तरह से दर्शाया गया है।

चतुरङ्गुलविस्तारं हस्तपंचदशायतम्।
गुरुपदिष्टमार्गेण सिक्तं वस्त्रं शनैर्ग्रसेत्।
पुनः प्रत्याहरेच्चैतदुदितं धौतिकर्म तत्।। – ह.प्र. 2/24
गीले कपड़े की चार अंगुल (लगभग 4-5 सेंटीमीटर) चौड़ी और 15 हाथ (लगभग 6 मीटर) लंबी पट्टी को धीरे-धीरे निगला जाता है और उसके बाद बाहर निकाल लिया जाता है। इसे धौति (आंतरिक शोधन) कहते हैं।vastra -dhauti -steps-benefits

 

वस्त्रधौति की विधि। Vastra Dhauti steps in Hindi

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कुंजल विधि, लाभ और सावधानी

कुंजल क्या है। What is Kunjal in Hindi?

कुंजल संस्कृत शब्द कुंजर से निकला है जिसका मतलब होता है हाथी। इस योग क्रिया को गजकरणी या वमनधौति भी कहते हैं। जिस तरह से हाथी अपनी सूंड़ से पानी खींचता है और उसे सूंड़ से ही बाहर निकालता है और इस प्रकार शरीर को सभी रोगों से मुक्त करता है। इसी तरह जो भी शरीर के भीतर गया है, उसे बाहर निकालकर कोई भी व्यक्ति अपने शरीर को सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रख सकता है। कुंजल क्रिया से व्यक्ति अपने शरीर को उसी प्रकार साफ कर सकता है, जैसे बर्तन को गर्म जल से साफ किया जाता है।

घेरंडसंहिता में इसे वमनधौति भी कहा जाता है। वमन का अर्थ है उल्टी करना। इसमें पित्त तथा श्लेष्म की अधिकता दूर करने के लिए कै अर्थात् उलटी की जाती है।

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कूर्मासन योग विधि, लाभ और सावधानी

कुर्मासन क्या है। Kurmasana in Hindi

कूर्मासन संस्कृत शब्द ‘कूर्म’ से निकला है जिसका अर्थ होता है कछुआ।इसलिए इस आसन को कछुआ योग भी कहते है। इस आसन के अभ्या्स से मनुष्य स्वयं को मानसिक एवं इंद्रिय आसक्तियों से उसी तरह दूर कर लेता है, जिस प्रकार कछुआ स्वयं को अपने कवच में बंद कर लेता है।

 

कुर्मासन योग की विधि। Kurmasana Steps in hindi

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मूर्छा प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Murcha Pranayama in Hindi

मूर्छा प्राणायाम क्या है। Murcha Pranayama in Hindi

संस्कृत भाषा में मूर्छा का अर्थ होता है सभी मानसिक गतिविधियों के निलंबन की अवस्था। हठप्रदीपिका और घेरंडसंहिता दोनों ने मूर्छा प्राणायाम को प्राणायाम के आठ प्रकारों में शामिल किया है। किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए ये प्राणायाम कर पाना कठिन है। इसलिए कहा गया है कि यह प्राणायाम उपरोक्त प्राणायामों में निपुणता हासिल करने के बाद ही करना चाहिए। यह प्राणायाम ऊंचे लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार होता है। यह प्राणायाम सिद्धयोगी करते हैं। मूर्छा प्राणायाम आपको तनाव, चिंता एवं डिप्रेशन से बचाता है और साथ ही साथ मानसिक समस्याओं एवं नपुंसकता से प्रभावित रोगियों के लिए भी असरदार है।Murcha Pranayama in Hindi

 

मूर्छा प्राणायाम की विधि। Murcha pranayama steps in Hindi

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प्लाविनी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Plavini pranayama steps in hindi

प्लाविनी प्राणायाम क्या है। Plavini pranayama in Hindi

संस्कृत भाषा में प्लावन का अर्थ है तैरना। इस प्राणायाम के अभ्यास से कोई भी व्यक्ति जल में कमल के पत्तों की तरह तैर सकता है इसलिए इसका नाम प्लाविनी पड़ा। हठरत्नावली में, इसे भुजंगीमुद्रा कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति प्लाविनी प्राणायाम उपरोक्त प्राणायामों में निपुणता हासिल करने के बाद ही कर सकता है। सामान्यतया, सिद्धयोगी प्लाविनी प्राणायाम करते हैं। प्लाविनी प्राणायाम में अनुभव की आवश्यकता होती है और ये शुरुआत करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है। इस प्राणायाम का अभ्यास सुखासन या सिद्धासन में बैठकर किया जाता हैं| इसके अभ्यास में अपनी साँस को इच्छानुसार रोककर रखा जाता है इसलिए इस प्राणायाम को केवली या प्लाविनी प्राणायाम कहा जाता है|Plavini pranayama steps in hindi

 

प्लाविनी प्राणायाम की विधि। Plavini pranayama steps in Hindi

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