योग के 7 प्रमुख प्राणायाम और उनके लाभ । 7 Important Pranayama and Benefits

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7 सरल प्राणायाम और लाभ। 7 simple pranayama in Hindi

वैसे तो योग में प्राणायाम के बहुत सारे लाभ है। हर प्राणायाम की अपनी अलग अलग फायदे हैं। यहां पर कुल 7 प्रमुख प्राणायाम के फायदे के बारे में विस्तार से बताया गया है जो आपको बहुत सारी परेशानी एवं बीमारियों से बचाता है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम 

इस प्राणायाम में बाएं नासिका छिद्र से सांस लिया जाता है और दाएं से छोड़ा जाता है और फिर दाएं नासिका छिद्र से सांस को भरा जाता है और बाएं से सांस को निकाला जाता है। यह एक चक्र हुआ।

लाभ

    • इस प्राणायाम के अभ्यास से मानसिक शांति, स्थिरता, ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है।
    • यह पूरे शरीर में ऊर्जा प्रभाव को सामान बनाए रखता है।
    • मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है।
    • प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी ) को मजबूत करता है और आपको बहुत सारी बिमारियों से बचाता है।

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जानिए कपालभाति प्राणायाम कैसे करें। How to do Kapalbhati Pranayama

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कपालभाति प्राणायाम का अर्थ । Kapalbhati meaning in Hindi

‘कपाल’ का अर्थ होता है खोपड़ी और भाति का मतलब होता है चमकना। इस प्राणायाम के अभ्यास से सिर तथा मस्तिष्क में तेजस प्रदान होता है और निष्क्रिया पड़े मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करने में अहम भूमिका निभाता है जिसके कारण मस्तिष्क का पूरा सतह चमकदार प्रतीत होता है। कपालभाति एक ऐसी प्राणायाम है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। इसके प्रैक्टिस से सिर क्षेत्र में जितनी भी दोष और गंद होती ही उसका पूरी तरह से सफाया हो जाता है। कपालभाति के नियमित अभ्यास करने पर आपके चेहरे में नई खूबसूरती आ जाती है। दूसरे आदमी को भी आपके चेहरे की रौनक देखने लगता है।Guptasana, steps, benefits, precaution

 

कपालभाति प्राणायाम कैसे करें । How to do Kapalbhati in Hindi

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प्राणायाम के 10 प्रकार । 10 Types of Pranayama

Surya Bhedana Pranayama in Hindi

नाड़ीसोधन प्राणायाम। Nadishodhan Pranayam in Hindi

नाड़ीसोधन प्राणायाम को अनुलोम-विलोम भी कहा जाता है। शास्त्रों में नाड़ीसोधन प्राणायाम या अनुलोम-विलोम को अमृत कहा गया है और स्वास्थ्य लाभ में इसका महत्व सबसे ज़्यदा है। इस प्राणायाम में आप बाएं नासिका छिद्र से सांस लेते हैं, सांस को रोकते हैं और फिर धीरे धीरे दाहिनी नासिका से श्वास को निकालते हैं। फिर दाहिनी नासिका से सांस लेते हैं, अपने हिसाब से सांस को रोकते हैं और धीरे धीरे बाएं नासिका से सांस को छोड़ते हैं। यह एक चक्र हुआ।  इस तरह से आप शुरुवाती समय में 5 से 10 बार करें फिर धीरे धीरे इसको बढ़ाते रहें।

नाड़ीसोधन प्राणायाम के लाभ अनेकों है जैसे  चिंता एवं तनाव कम करने में; शांति, ध्यान और एकाग्रता में; शरीर में ऊर्जा का मुक्त प्रवाह करने में; प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में ; इत्यादि।Surya Bhedana Pranayama in Hindi

 

भस्त्रिका प्राणायाम। Bhastrika pranayama in Hindi

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योग प्राणायाम कैसे करें ? स्वस्थ जीवन के लिए सरल योग प्राणायाम

Surya Bhedana Pranayama in Hindi

प्राणायाम शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक लाभ के लिए जाना जाता है। यह अच्छा होगा अगर आप प्राणायाम किसी विशेषज्ञ के दिशा-निर्देश में करते हैं। इससे आपको फायदे भी मिलेंगे और साथ ही साथ इसको सीख भी जायेंगे।

प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए कुछ चीजों का ध्यान जरूर रखें। इसके लिए उचित स्थान, सही समय, अल्पाहार, सूर्य प्रकाश एवं धैर्य का होना बहुत जरूरी है।

प्राणायाम के लिए क्या जरूरी है ? What is needed for pranayama in Hindi?

Surya Bhedana Pranayama in Hindi

स्थान

प्राणायाम के लिए वह जगह उप्युक्त है जो खुला खुला हो, ध्वनि रहित और जो आपके शरीर को बाधा दें उन चीजों से मुक्त हो।

मौसम

सच तो यह है कि प्राणायाम के दौरान किसी तरह का अवरोध उत्पन्न नहीं होना चाहिए। प्राणायाम सालों भर या वसंत, ग्रीष्म , वर्षा , शरद, हेमंत, और शिशिर में किया जा सकता है। फिर भी शास्त्रों के अनुसार वसंत ऋतु ( मार्च- अप्रैल ) और पतझड़ का मौसम ( सितंबर-अक्टूबर) में प्राणायाम का शुरू करना उम्दा माना गया है।

समय

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योग: योग क्या है, योगासन क्या है ?

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योग क्या है ? What is Yoga in Hindi

योग की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘युज्’ से हुआ है, जिसका अर्थ होता है  ‘ जोड़ना ‘।  योग का उद्भव आज से करीब 5 हजार साल पहले भारत में हुआ। बहुत सारे लोग इसको सिर्फ शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं लेकिन योग दुखों एवं कष्टों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आत्मा एवं परमात्मा के मिलन का प्रतीक है।पाणिनी के व्याकरण के अनुसार ‘योग’ शब्‍द के तीन अर्थ हैं – मिलन (युजिर्योगे), समाधि (युज समाधौ) एवं संयम (युज संयमने)।padmasana-steps-benefits-precaution

योग शरीर का मरोड़ना एवं खींचना ही नहीं है बल्कि यह आपको एक पूर्ण जीवन शैली सिखाता है। यह मन और आत्मा के बीच का एक लिंक है।

योग एक ऐसी विद्या है जिसके मदद से आप शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ  रख सकते हैं। योग सिर्फ आपको बीमारियों से ही नहीं बचाता बल्कि शारीरिक और मानसिक स्तर पर तालमेल बैठाता है।

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