प्लाविनी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Plavini pranayama steps in hindi

प्लाविनी प्राणायाम क्या है। Plavini pranayama in Hindi

संस्कृत भाषा में प्लावन का अर्थ है तैरना। इस प्राणायाम के अभ्यास से कोई भी व्यक्ति जल में कमल के पत्तों की तरह तैर सकता है इसलिए इसका नाम प्लाविनी पड़ा। हठरत्नावली में, इसे भुजंगीमुद्रा कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति प्लाविनी प्राणायाम उपरोक्त प्राणायामों में निपुणता हासिल करने के बाद ही कर सकता है। सामान्यतया, सिद्धयोगी प्लाविनी प्राणायाम करते हैं। प्लाविनी प्राणायाम में अनुभव की आवश्यकता होती है और ये शुरुआत करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है। इस प्राणायाम का अभ्यास सुखासन या सिद्धासन में बैठकर किया जाता हैं| इसके अभ्यास में अपनी साँस को इच्छानुसार रोककर रखा जाता है इसलिए इस प्राणायाम को केवली या प्लाविनी प्राणायाम कहा जाता है|Plavini pranayama steps in hindi

 

प्लाविनी प्राणायाम की विधि। Plavini pranayama steps in Hindi

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भ्रामरी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Bhramri pranayama in Hindi

भ्रामरी प्राणायाम क्या है। Bhramri pranayama in Hindi

भ्रामरी शब्द की उत्पत्ति ‘भ्रमर’ से हुई है जिसका अर्थ होता है एक गुनगुनाने वाली काली मधुमक्खी। इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय साधक नासिका से एक गुनगुनाने वाली ध्वनि उत्पन्न करता है, यह ध्वनि काली मधुमक्खी की गूंज से मिलती-जुलती है, इसलिए इसका नाम भ्रामरी पड़ा है। योग की पुस्तक घेरंडसंहिता में भ्रामरी को दोनों हाथों से दोनों कानों को बंद कर श्वास लेने और रोकने के रूप में बताया गया है।Bhramri pranayama in Hindi

अर्धरात्रि गते योगी जन्तूनां शब्दवर्जिते।
कणौं पिघाय हस्ताभ्यां कुर्यात्पूरकुम्भकम्।। – घें. सं. 5/78

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शीतली प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Sitali pranayama in Hindi

शीतली प्राणायाम क्या है। Sheetli pranayama in Hindi

शीतली का अर्थ है शीतल। इसका अर्थ शांत, विरक्त और भावहीन भी होता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह प्राणायाम पूरे शरीर को शीतल करता है। शीतकारी प्राणायाम की तरह ही यह प्राणायाम भी विशेष तौर पर शरीर का ताप कम करने के लिए बनाया गया है। इस प्राणायाम का अभ्यास न सिर्फ भौतिक शरीर को शीतल करता है बल्कि मस्तिष्क को भी शांत करता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज़्यदा से ज़्यदा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।Sitali pranayama in Hindi

शीतली प्राणायाम की व्याख्या हठप्रदीपिका और घेरंडसंहिता में इस प्रकार की गई हैः

हठप्रदीपिका व्याख्या

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शीतकारी प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

sheetkari pranayama in hindi

शीतकारी प्राणायाम क्या है। Sheetkari pranayama in Hindi

शीतकारी प्राणायाम में सांस लेने के दौरान ‘सि’ या ‘सित’ की ध्वनि निकलती है। शीत का मतलब होता है ठंडकपन और शब्द ‘कारी’ का अर्थ होता है जो उत्पन्न हो। इस प्राणायाम के अभ्यास से शीतलता भी उत्पन्न होती है इसलिए इसे ‘शीतकारी कहा गया है। इस अभ्यास को सिसकी श्वास या सितकारी’ भी कहा जाता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज़्यदा से ज़्यदा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।
हठप्रदीपिका ग्रंथ में इसको निम्न श्लोक के द्वारा बताता गया है।sheetkari pranayama in hindi

सीत्कां कुर्यात्तथा वक्त्रेघ्राणेनैव विजृम्भिकाम्।
एवमभ्यासयोगेन कामदेवो द्वितीयकः।। – ह.प. 2/25

अगर ऊपर दिए गए श्लोक को अच्छी तरह से अध्ययन किया जाए तो इसका अर्थ निकलता है कि मुंह से श्वास लीजिए, सिसकी की ध्वनि उत्पन्न कीजिए और बिना मुंह खोले नाक से श्वास छोड़िए। इसके अभ्यास से कोई भी व्यक्ति दूसरा कामदेव बन सकता है।

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सूर्य भेदन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानी

Surya Bhedana Pranayama in Hindi

सूर्य भेदन प्राणायाम क्या है। Surya Bhedana Pranayama in Hindi

सूर्य का अर्थ होता है सूरज और भेदना का अर्थ है छेदना या आर पार होना।
हठप्रदीपिका के अनुसार सूर्य भेदन प्राणायाम निम्नलिखित तौर पर बताया गया है।
दक्षनाड्या समाकृष्य बहिःस्यं पवनं शनैः।
आकेशादानखाग्राच्च निरोधावधिकुम्भयेत्।
ततः शनैः सख्यनाड्या रेचयेत्पवनं शनैः।। – ह. प्र. 2/48-49

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