योग के 26 प्रमुख आसन स्वस्थ दैनिक जीवन के लिए

26 योग स्वस्थ जीवन के लिए। 26 yoga poses for healthy living in Hindi

 

1. ताड़ासन कद बढ़ाने के लिए

ताड़ासन का नाम ताड़ के पेड़ के नाम पर रखा गया है। इस योग के अंतिम स्थिति में शरीर ताड़ पेड़ के तरह लगता है। यह आसन आपके पेशियों और तंत्रिकाओं को फैलाता है जिसके कारण दूसरे आसन को आप आसानी से कर सकते हैं। यह आसन बच्चों के हाइट बढ़ाने के लिए बहुत लाभदायक है। और साथ ही साथ लगातार इस आसन के अभ्यास से आप अपना वजन को भी कम कर सकते हैं।

 

2. हस्‍तोत्‍तानासन कमर की चर्बी के लिए

इस आसन में हाथों को ऊपर की ओर तानते हुए फैलाया जाता है। कमर की चर्बी को कम करने के लिए यह बहुत कारगर योगासन है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और फेफड़ों से सम्बंधित बिमारियों के लिए लाभदायक है।

 

3. कटिचक्रासन कमर पतली करने में

कटि का अर्थ कमर होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपने कमर की साइज को बढ़ने से रोक सकते हैं। यह कब्ज एवं कमर के दर्द को कम करने में भी सहायक है। साथ ही साथ फेफड़ों को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।Yoga for belly fat and weight loss

 

4. कमर दर्द के लिए त्रिकोणासन

अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो त्रिकोणासन करें। इसके नियमित अभ्यास से आप अपना वजन कम कर सकते हैं। यह हाइट बढ़ाने के लिए भी लाभप्रद है। विषेशज्ञ की मौजूदगी में करने से साइटिका के रोगियों के लिए लाभकारी है।

 

5. वृक्षासन योग घुटनों के लिए

वृक्षासन का मतलब पेड़ होता है और इस आसन में आप एक पैर पर खड़े रहते हैं। यह आपके घुटनों और एडि़यों के जोड़ों में बहुत लाभकारी है और साथ ही साथ इसमें लचीलापण भी बढ़ाता है। यह आसन आपके मन को शांत करने में भी मदद करता है।

6. पद्मासन योग ध्यान के लिए

यह आसन ध्यान के लिए अतिउत्तम योगाभ्यास है जहाँ पर शारीरिक गतिविधियां कम से कम हो जाती हैं। यह आसन मानशिक शांति, एकाग्रता तथा स्‍मृति के लिए उत्तम है। कब्ज को दूर करने सहायक है।

 

7. सिद्धासन मोक्ष के लिए

आसनों की दुनियाँ में सिद्धासन का महत्व बहुत ज़्यदा है। सिद्धासन के अभ्यास से आप मोक्ष प्राप्ति की ओर जा सकते हैं। यह कामवासना ख़त्म करने एवं ब्रह्मचर्य प्राप्‍त करने में सहायक है। सूक्ष्‍मनाड़ी प्रवाह एवं कुंडलिनी जागरण में लाभकारी है।

 

8. वज्रासन योग पाचन के लिए

यह ध्‍यान योग है। इस आसन के अभ्यास से पाचन क्रिया में स्फूर्ति आ जाती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए कमर दर्द से बचाता है

 

9. भद्रासन योग प्रसव के लिए

यह आसन कमर दर्द के लिए के लिए लाभकारी है और महिलाओं की समस्‍याओं में लाभप्रद है। इससे प्रसव में भी आसानी होती है।

 

10. सिंहासन योग थायरॉयड के लिए

यह योगाभ्यास गर्दन एवं चेहरे की पेशियों के लिए लाभप्रद है। यह आंख, गला एवं पेट की पेशियों के लिए एक अच्छा योगाभ्यास है। यह आपके आवाज को सुरीली बनाता है और थायरॉयड से संबंधित परेशानियों से बचाता है।

 

11. वक्रासन योग रीढ़ की हड्डी के लिए

यह आसन रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत लाभदायक है और रीढ़ की सक्रियता को बढ़ाता है। यह अग्‍न्‍याशय को सक्रिय कराते हुए डायबिटीज के लिए उपयोगी है

 

12. अर्द्धमत्‍स्‍येंद्रासन डायबिटीज में

अर्द्धमत्‍स्‍येंद्रासन शरीर के बहुत सारे गंथियों जैसे एड्रीनल ग्रंथि, गुर्दों, यकृत और प्‍लीहा पर एक साथ काम करता है। यह अग्‍न्‍याशय की सक्रियता को बढ़ाता है और इस तरह से डायबिटीज निवारण में सहायक है। यह कब्‍ज, दमा, अपच, मोटापे को कम करता है। रीढ़ की हड्डी के अच्छा है।

 

15. पश्चिमोत्‍तानासन मोटापा कम करने में

यह पेट की पेशियों को मजबूत करता है और साथ ही साथ कब्‍ज, मोटापा, अपच, साइटिका में लाभदायक है।

 

16. उष्‍ट्रासन योग कमर दर्द में

कमर दर्द एवं गर्दन के दर्द में उपयोगी है। पेट से चर्बी कम करते हुए मोटापा घटाने में मदद करता है। यह फेफड़ों के लिए भी लाभकारी है।

 

17. मंडूकासन कब्ज के लिए

मंडूक का अर्थ मेंढ़क होता है क्योंकि अंतिम मुद्रा में शरीर मेंढ़क की आकृति ग्रहण कर लेता है। यह आसन पेट के रोगों के लिए लाभकारी है। इसके नियमित अभ्यास से आप तोंद को भी कम कर सकते हैं। यह पेट से जहरीली गैसें निकालने में सहायक है।

 

18. भुजंगासन मासिक धर्म में लाभप्रद

इसको कोबरा पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि अंतिम मुद्रा में इसकी आकृति नाग की तरह लगती है। यह पीठ की पेशियों को मजबूत बनाता है।
यह स्ल्प्डि डिस्क और पीठ दर्द में लाभकारी है। स्त्री रोग दूर करने के लिए यह उत्तम योगाभ्यास है। यह अंडाशय एवं गर्भाशय को मजबूत करता है तथा मासिक धर्म संबंधी विकार एवं अन्य स्त्री रोग दूर करने में सहायता करता है।

 

19.शलभासन कमर दर्द में

कमर दर्द को कम करता है। कब्ज एवं पाचन को सुधारता है। फेपड़ों को स्वस्थ रखते हुए दमा रोगियों के लिए लाभकारी है।

 

20.धनुरासन

इस आसन की अंतिम अवस्था में शरीर धनुष का आकार ले लेता है, इसीलिए इस आसन का नाम धनुरासन है। यह यकृत और प्लीहा की मालिश करता है जिसके कारण मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता हैं और पीठ दर्द दूर करने मे प्रभावी है। यह पाचन, उत्सर्जन, प्रजनन अंगों, छाती के रोगों के उपचार में यह लाभकारी है।

 

21.उत्तानपादासन abs बनाने के लिए

अगर इस आसन को नियमित रूप से किया जाए तो शरीर के मोटापा को कम तो करता ही है और साथ ही साथ शरीर में abs भी बनाने में मदद करता है।
यह पेट दर्द, गैस, अपच, घबराहट आदि में कारगर है।

 

22.पवन मुक्तासन जहरीली गैस निकालने में

यह आसन के अभ्यास से पेट से जहरीली गैसें निकल जाती है। यह कब्ज और मोटापा में सहायक है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।

 

23. सर्वांगासन से उम्र बढ़ाएं

इस योग की अभ्यास से उम्र बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है। अगर आप बाल के सफेद होने से परेशान हैं तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें यह अपच, कब्ज, हर्निया, बवासीर, गर्भाशय की समस्याओं में लाभकारी है।

 

24.सेतुबंध सर्वांगासन स्त्री जननांग की मजबूती के लिए

यह पीठ दर्द को कम करने के लिए उपयोगी आसान है। जो डिप्रेशन से ग्रसित हैं उनको इस आसन का नियमित अभ्यास करनी चाहिए। इससे स्त्री जननांग मजबूत होते हैं।

 

25. शीर्षासन से रोके अधिकतर बीमारी

यह एक अकेला ऐसा आसन है है जो अंतःस्रावी गंथियों के स्वस्थ को कण्ट्रोल करता है। स्मृति बढ़ाने एवं तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में उपयोगी है। पिटुइटरी ग्रंथि को स्वस्थ बनाते हुए आपको बहुत सारे हार्मोनल समस्याओं से बचाता है।

 

26.नौकासन पेट की चर्बी कम करने में

इस आसन में शरीर की आकृति नौका के समान हो जाती है इसीलिए इसे नौकासन कहा जाता है। यह कमर के इर्द गिर्द एवं पेट की चर्बी को कम करता है।
यह किडनी के स्वस्थ के लिए सही है और पाचन शक्ति को बढ़ाता है।

 

 

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