सुप्त वज्रासन योग विधि, लाभ और सावधानी

सुप्त वज्रासन क्या है ? What is Supta vajrasana in Hindi

सुप्त का मतलब सोया हुआ। इसमें आप वज्रासन में बैठते हुए पीछे की ओर लेट कर इस योगाभ्यास को करते हैं जिसके कारण इसको सुप्त वज्रासन कहा गया है। अगर इस आसन को सही तरीके से किया जाए तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। यह कमर दर्द, कब्ज, सांस रोग, रक्त संचार, पेट की चर्बी, मासिक धर्म, पतली कमर इत्यादि के लिए बहुत लाभदायक योगाभ्यास है।Supta Vajrasana Steps, Benefits and Precautions

 

सुप्त वज्रासन करने की विधि – How to do Supta Vajrasana in Hindi

  • सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं।
  • कोहनियों (Elbows) का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
  • हाथों को धीरे-धीरे सीधे फैलाएं और सिर के पीछे की ओर ले जाएं
  • अब कंधों को जमीन पर टिकाते हुए एवं घुटनों को एक साथ रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं।
  • हाथों को कैंची की आकृति बनाते हुए कंधों के नीचे लेकर आएं।
  • धीरे धीरे सांस लें फिर धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • अपने हिसाब से इस अवस्था को बनाएं रखें।
  • फिर धीरे धीरे अपने आरंभिक अवस्था आ जाएं।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह से आप 3 से 5 चक्र कर सकते हैं।

 

सुप्त वज्रासन के लाभ –  Supta  benefits in Hindi

वैसे इस आसन के बहुत सारे लाभ है लेकिन यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताया गया है।

  1. सुप्त वज्रासन योग कब्ज के लिए: इस आसन के अभ्यास से आप कब्ज पर कण्ट्रोल पा सकते हैं।
  2. सुप्त वज्रासन योग पेट के पेशियों के लिए: अगर आप अपने ढीला ढाला पेट की मांसपेशियों से निजात पाना चाहते हैं तो इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। यही नहीं यह आपको पेट से सम्बंधित बहुत सारी बिमारियों से दूर रखता है।
  3. सुप्त वज्रासन योग रक्त संचार में: यह आसन रक्त संचार को बेहतर बनाता है और इस तरह से आपको बहुत सारी परेशानियों से बचाता है।
  4. सुप्त वज्रासन योग पीठ दर्द में: इसका नियमित अभ्यास से आप अपने पीठ की दर्द को कम कर सकते हैं।
  5. सुप्त वज्रासन योग घुटने के लिए: यह आपके घुटने को मजबूत बनाता है।
  6. सुप्त वज्रासन योग जांघों के लिए: यह आपके जांघों के मांसपेशियों के लिए बेहद मुफीद योगाभ्यास है।
  7. सुप्त वज्रासन योग पेट की चर्बी के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास से आप पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं।
  8. सुप्त वज्रासन योग रीढ़ की हड्डी के लिए: यह मेरुदंड को स्वस्थ करते हुए चुस्त दुरुस्त भी रखता है।
  9. अस्थमा के लिए योग: इसके अभ्यास से आप अपने अस्थमा को बहुत हद तक कण्ट्रोल कर सकते हैं।
  10. कमर पतला करने के लिए: इस आसन के अभ्यास से आप अपने कमर को पतला, खूबसूरत बना सकते हैं।

 

सुप्त वज्रासन योग सावधानी – Supta Vajrasana precautions in Hindi

 

  • इस आसन के अभ्यास में आप को पीछे लेटते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
  • ज़्यदा पेट की परेशानी होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • कूल्हे (Hips) में दर्द होने पर इस योग का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।
  • घुटने में दर्द होने पर इसको न करें।
  • कमर दर्द में भी इसका अभ्यास न करें।

 

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