प्राणायाम एवं योग आसनों का महत्व। Importance of Pranayama and Asana

दैनिक जीवन में प्राणायाम का महत्त्व ।Pranayama importance in daily life in Hindi

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम का बहुत अधिक महत्त्व है। अगर प्राणायाम को सही तरीके से किया जाए तो आप बहुत सारे बिमारियों एवं  परेशानियों  से बच सकते हैं। यहाँ पर कुछ प्रमुख व सरल प्राणायाम के महत्त्व के बारे में बताया गया है।

  1. यह प्राणायाम आपकी जवानी को बरक़रार रखने में मदद करता है। ये पित्त को बढ़ाता है और बलगम को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है। ये पाचन को बढ़ाता है। इस प्राणायाम का स्वभाव गर्म है जिसके कारण पसीना बहाकर शरीर की सभी अशुद्धियों को मिटाता है, शिथिलता, गठिया और कीटाणुओं को मारता है-सूर्य भेदन प्राणायाम

bhramri pranayama importance

भ्रामरी प्राणायाम का महत्त्व 

2.यह एक ऐसी प्राणायाम है जिसके बारे में योग शास्त्रों में लिखा गया है कि इसका सही तरीके से अभ्यास करने पर मृत्यु भी जल्द नहीं आती। यह आपके आवाज को सुरीली बनाने में मदद करता है।  ये गले में श्लेषमा के विकार को ठीक करता है। शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है, और नाड़ि, पेट और शरीर के अंगों की रुग्णता को मिटाता है-उज्जायी प्राणायाम

3. यह प्राणायाम शरीर पर शांतिदायक प्रभाव डालता है। यह तनाव, चिंता, क्रोध और डिप्रेशन में बहुत लाभदायक है। इसे नित्य करने वाला भूख, प्यास, निद्रा और तंद्रा से पीड़ित नहीं होता। ये दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखता है-सीत्कारी प्राणायाम 

4. यह प्राणायाम अपाच्य को दुरुस्त करता है, श्लेषमा और पित्त को घटाता है। उदासी, बुखार, अम्लता और विषाक्तता के विकार को मिटाता है और भूख एवम् प्यास को नियंत्रित करता है। यह तनाव, चिंता, क्रोध और डिप्रेशन में बहुत लाभदायक है –शीतली प्राणायाम 

5. यह वजन को घटाने में मदद करता है। यह यकृत, प्लीहा, अग्नाशय और उदर मांसपेशियों को क्रियाशील और स्फूर्तिदायक बनाता है और पाचन को बढ़ाता है। वात, पित्त और कफ से होने वाले विकारों को दूर करता है और जठरअग्नि को बढ़ाता है। ये गले में होने वाली जलन से राहत दिलाता है। ये कफ को मिटाता है, नाक और सीने की बीमारियों को ठीक करता है और अस्थमा को ठीक करता है-भाष्त्रिका प्राणायाम

6. यह तनाव, चिंता, क्रोध, गुस्सा, डिप्रेशन इत्यादि को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। ये मन को प्रसन्न करता है और निद्रा को प्रेरित करता है। अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति के लिये ये लाभकारी है। इसकी नित्य क्रिया तनाव और व्यग्रता से मुक्त करती है और क्रोध पर नियंत्रण करने में प्रभावी है –भ्रामरी प्राणायाम

7. यह प्राणायाम आपको शांत भाव बनाने में मदद करता है। यह उनके लिए बहुत ही लाभदायक प्राणायाम है जो उच्च रक्त चाप से ग्रसित हों।  यह आपके किडनी को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ क्रोध पर कण्ट्रोल बनाएं रखता है-चंद्रभेदी प्राणायाम

8. इस प्राणायाम  अमृत कहा गया है। इसके जितने भी फायदे गिनाएं जाएं कम है। कहा जाता है कि यह सभी बीमारियों से बचाने में सक्षम है। इसके नियमित अभ्यास से आप ध्यान अच्छी तरह से अभ्यास कर सकते हैं-अनुलोम विलोम प्राणायाम

 

दैनिक जीवन में आसनों का महत्त्व । Yogasana importance in daily life in Hindi

यहां पर कुछ महत्वपूर्ण आसनों का जिक्र किया जा रहा है। अभ्यास के हिसाब से यह बहुत सरल आसन है लेकिन इसके फायदे एवं महत्त्व बहुत गजब के हैं।  यहां पर कुछ सरल आसनों के महत्त्व के बारे में बताया गया है।

  1. यह आसन बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में सहायक है। आपके पेशियों और तंत्रिकाओं को फैलाता है-ताड़ासन
  2. कमर की चर्बी को कम करने के लिए यह बहुत कारगर योगासन है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है-हस्‍तोत्‍तानासन
  3. इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपने कमर की फैट को कम करते हुए इसको पतली कर सकते हैं –कटिचक्रासन
  4. इसके नियमित अभ्यास से आप अपना वजन कम कर सकते हैं और कमर के दर्द से राहत पा सकते हैं-त्रिकोणासन
  5. यह आपके घुटनों और एडि़यों के जोड़ों  को मजबूत करता है- वृक्षासन योग
  6. यह आसन मानशिक शांति, एकाग्रता लिए उत्तम योगाभ्यास और ध्यान लगाने में अहम भूमिका निभाता है-पद्मासन
  7. यह योग आपको मोक्ष प्राप्ति करने में मदद करता है और कामवासना ख़त्म करने एवं ब्रह्मचर्य प्राप्‍त करने में सहायक है –सिद्धासन
  8. इस आसन के अभ्यास से पाचन क्रिया में स्फूर्ति आती है और कमर दर्द में आराम देता है- वज्रासन
  9. यह आसन प्रसव में मदद करता है और साथ ही साथ महिलाओं की समस्‍याओं में लाभप्रद है –भद्रासन
  10. यह योगाभ्यास आंख, गला, पेट की पेशियों एवं  सुरीली आवाज के लिए अच्छा है। थायरॉयड से संबंधित परेशानियों से बचाता है-सिंहासन
  11. यह आसन अग्‍न्‍याशय को सक्रिय कराते हुए डायबिटीज के लिए उपयोगी है-वक्रासन
  12. यह शरीर के ग्रंथियां जैसे एड्रीनल ग्रंथि, गुर्दों, यकृत, प्‍लीहा  और अग्‍न्‍याशय की सक्रियता को बढ़ाता है और इस तरह से डायबिटीज निवारण में सहायक है-अर्द्धमत्‍स्‍येंद्रासन
  13. यह आसन आपको कब्‍ज, मोटापा, अपच, साइटिका में अहम रोल निभाता है-पश्चिमोत्‍तानासन
  14. पेट से चर्बी कम करते हुए मोटापा घटाने में मदद करता है। यह फेफड़ों के लिए भी लाभकारी है-उष्‍ट्रासन
  15. इसके नियमित अभ्यास से आप तोंद कम कर सकते हैं और पेट से जहरीली गैस को निकाल सकते हैं –मंडूकासन
  16. स्त्री रोग दूर करने के लिए यह उत्तम योगाभ्यास है। यह अंडाशय एवं गर्भाशय को मजबूत करता है तथा मासिक धर्म संबंधी विकार एवं अन्य स्त्री रोग दूर करने में सहायता करता है-भुजंगासन
  17. कमर दर्द, कम करता है, कब्ज एवं पाचन को सुधारता और फेपड़ों को स्वस्थ रखता है –शलभासन
  18. यह यकृत और प्लीहा की मालिश करता है जिसके कारण मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी है।  पीठ दर्द दूर करने सहायक है-धनुरासन
  19. शरीर के मोटापा को कम तो करता ही है और साथ ही साथ शरीर में abs बनाने में मदद करता –उत्तानपादासन
  20. पेट से जहरीली गैसें निकालने में मदद करता है और मोटापा को कम करता है-पवन मुक्तासन
  21. यह आसन उम्र बढ़ने की गति को धीमा करता है और बाल को सफेद होने से रोकता है –सर्वांगासन
  22. यह पीठ दर्द को कम करने के लिए उपयोगी आसन है और स्त्री जननांग को मजबूत करता है- सेतुबंध सर्वांगासन
  23. यह अंतःस्रावी गंथियों  को स्वस्थ रखता है। पिटुइटरी ग्रंथि को स्वस्थ बनाते हुए आपको बहुत सारे हार्मोनल समस्याओं से बचाता है-शीर्षासन

शीर्षासन का महत्त्व

  1. यह कमर के इर्द गिर्द एवं पेट की चर्बी को कम करता है। यह किडनी के लिए भी अच्छा आसन है-नौकासन

 

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